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पार्षदों का गुप्त मतदान सात महत्वपूर्ण पदों के चयन का बनेगा आधार

महापौर के चयन के लिए की गई रायशुमारी अब गुप्त मतदान बन गया है फाइल फोटो 15 ईएनडी 102

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 10:16 PM (IST)
पार्षदों का गुप्त मतदान सात महत्वपूर्ण पदों के चयन का बनेगा आधार
पार्षदों का गुप्त मतदान सात महत्वपूर्ण पदों के चयन का बनेगा आधार

महापौर के चयन के लिए की गई रायशुमारी अब गुप्त मतदान बन गया है

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फाइल फोटो 15 ईएनडी 102 सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली

पहली बार ऐसा हुआ कि हुआ महापौर के चुनाव से पूर्व पार्षदों के बीच रायशुमारी की गई। कहने को तो यह रायशुमारी थी, लेकिन अब इसे ही पार्षदों का गुप्त मतदान मान लिया गया है। जिनको सर्वाधिक वोट मिले हैं उनमें से सात का चयन कर लिया गया है। अब आने वाले दिनों में इन्हीं सातों के बीच महत्वपूर्ण पदों का बंटवारा किया जाएगा।

भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन में पार्टी नेताओं के बीच ज्यादा बैठकें नहीं हो पा रही हैं। साथ ही इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष भी बदल गए हैं। लॉकडाउन में कई तरह के नवाचार हो रहे हैं। नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से महापौर का चुनाव अप्रैल से ही लटक रहा था। अब अनलॉक-1 शुरू होने के बाद महापौर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले ही मनोज तिवारी की जगह आदेश गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। चूंकि दिल्ली के तीनों ही निगमों पर भाजपा सत्ता में हैं जिससे यह तय है कि भाजपा का प्रत्याशी ही महापौर बनेगा।

नई परिस्थितियों में पहली बार ऐसा हुआ कि पूर्वी निगम के दोनों जोन के लिए भाजपा ने अलग-अलग पर्यवेक्षक तैनात किए। भाजपा नेता मूलचंद चावला और मीरा अग्रवाल पर्यवेक्षक बनाए गए। प्रदेश से सभी पार्षदों को संदेश आया कि आपको तीन नाम तय करके देने हैं इसके कुछ ही समय बाद पर्यवेक्षक के फोन आने शुरू हो गए। उन्होंने बहुत कम समय देकर प्राथमिकता के तीन नाम पूछ लिए। यह प्रक्रिया डेढ़ घंटे में पूरी हो गई। पर्यवेक्षकों ने प्राथमिकता सूची के आधार पर सूची देर रात तक तैयार कर दी। इस सूची में सात नाम निकलकर आए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ तो प्राथमिकता सूची के आधार पर ही महापौर, स्थायी समिति चेयरमैन, नेता सदन, दोनों जोन के चेयरमैन, उपमहापौर और शिक्षा समिति के चेयरमैन का नाम तय होगा। इसके

बाद स्थायी समिति के डिप्टी चेयरमैन और स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन का चयन किया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार इस परिपाटी का पालन किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो बड़े नेताओं के संपर्क में रहने वाले और उनके भरोसे पद पाने की हसरत इस बार अधूरी रह सकती है। हालांकि बड़े नेता इस लिस्ट में बदलाव की कोशिश लगातार कर रहे हैं। जिससे कि वह अपने करीबियों को उनकी इच्छानुसार पद पर पहुंचा सकें। लेकिन, उन्हें कितनी सफलता मिलती है यह 17 जून को दोपहर में पता लग जाएगा, क्योंकि महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के चार सदस्यों के नामांकन की अंतिम तारीख 17 जून ही है। इसकी भी संभावना है कि उसी दिन स्थायी समिति चेयरमैन के प्रत्याशी की घोषणा भी कर दी जाए, हालांकि इसका चुनाव बाद में होगा।


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