एनएलयूडी के फैसले पर लगी रोक पर पुनर्विचार करने से इन्कार
दिल्ली के छात्रों के लिए एलएलबी एवं एलएलएम में 50 फीसद आरक्षण दिए जाने के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली (एनएलयूडी) के फैसले पर रोक लगाने के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुनर्विचार करने से इन्कार कर दिया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली के छात्रों के लिए एलएलबी एवं एलएलएम में 50 फीसद आरक्षण दिए जाने के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली (एनएलयूडी) के फैसले पर रोक लगाने के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुनर्विचार करने से इन्कार कर दिया। एक छात्रा ने हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने को लेकर याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता पिया सिंह की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता निशांत खत्री ने आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान उन्हें ओबीसी के लिए 22 फीसद और आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लिए 10 फीसद आरक्षण के संबंध में पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। याचिकाकर्ता पिया सिंह ने दलील दी थी कि आरक्षण के कारण उनका यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं हो पा रहा है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि पूर्व में सुनवाई के दौरान अन्य आरक्षण के संबंध में पक्ष रखने की कोई कोशिश नहीं की गई। 29 जून को हाई कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगाते हुए दो जुलाई से पहले प्रवेश के लिए नई अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था। पीठ ने यह आदेश एनएलयूडी के फैसले को राजस्थान के छात्रों की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था।