ई चालान माफी पर विचार करने से हाई कोर्ट का इन्कार
कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के पहले दो चरणों के दौरान डॉक्टरों सहित सभी कोरोना योद्धाओं के खिलाफ जारी किए गए ई-चालान को माफ करने को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया। पश्चिमी दिल्ली में द्वारका की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई करते
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : ई चालान को माफ करने को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। पश्चिमी दिल्ली में द्वारका की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि डॉक्टरों सहित सभी कोरोना योद्धाओं के ई चालान को माफ किया जाना चाहिए।
याचिका पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यातायात पुलिस के समक्ष प्रतिवेदन दें। संबंधित अधिकारी इस मामले पर उचित निर्णय करेंगे। उक्त निर्देशों के साथ पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया।
याचिका में दलील दी गई थी कि लॉकडाउन के पहले दो चरणों के दौरान सभी ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में ये सभी ई-चालान इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के आधार पर जारी किए गए थे। वकील शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि यातायात पुलिस द्वारा लॉकडाउन के दौरान इस तरह से चालान जारी करना भेदभावपूर्ण व्यवहार है। इसलिए ट्रैफिक चालान माफ करने के साथ ही गति सीमा साइनबोर्ड के प्रदर्शन के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश यातायात पुलिस को दिए जाने चाहिए। यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी सड़कें हैं, जहां 2 किमी के दायरे में 70 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 50 किमी प्रति घंटे तक की गति सीमा का संकेत देने वाले कई साइनबोर्ड लगे हैं। वहीं कुछ सड़कों पर लगे साइनबोर्ड स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते।