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सरकारी महकमे का तर्क,'नोटिफिकेशन बिना गुड़गांव को गुरुग्राम लिखना गलत'

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग लिखित में मान रहा है कि इस पर सरकार ने मन नहीं बनाया है। विभाग बिना नोटिफिकेशन के गुरुग्राम लिखने को गलत है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 10 Jul 2016 11:13 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jul 2016 07:47 AM (IST)
सरकारी महकमे का तर्क,'नोटिफिकेशन बिना गुड़गांव को गुरुग्राम लिखना गलत'

गुड़गांव (जेएनएन)। गुड़गांव को गुरुग्राम करने का फैसला देने वाली हरियाणा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों आलोचना और कॉरपोरेट वर्ल्ड के दबाव के चलते बैकफुट पर आती नजर आ रही है। राज्य सरकार का राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग लिखित में मान रहा है कि इस पर सरकार ने कोई मन अब तक नहीं बनाया है। विभाग बिना नोटिफिकेशन के गुरुग्राम लिखने को गलत बता रहा है।

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आरटीआइ के जवाब ने राजस्व विभाग ने लिखा है कि जब तक सरकार की ओर से अधिसूचना जारी नहीं कर दी जाती, तब तक कोई विभाग रिकॉर्ड में जिले का नाम नहीं बदल सकता।

गौरतलब है कि हरियाणा में सत्ता में काबिज मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अप्रैल महीने में फैसला किया था कि राज्य के 'कॉरपोरेट हब' के रूप में प्रसिद्ध गुड़गांव जिले का नाम बदला जाएगा। गुड़गांव का नया नाम गुरुग्राम होगा। इसके साथ ही मेवात का नाम भी बदल जाएगा और अब इसे नूंह नाम से जाना जाएगा।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ना

सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय जैन की आरटीआइ के जवाब में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम करने की घोषणा नहीं की थी। यहां पर बता दें कि नाम बदलने का काम राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ही करता है।

12 अप्रैल को सरकार ने लिया था निर्णय

यहां पर बता दें कि 12 अप्रैल को सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। इसके पीछे जनता की मांग को आधार बताया गया था। सूत्रों के मुताबिक, संघ और उससे जुड़े संगठनों के दबाव में राज्य सरकार ने यह फैसला किया था।

कॉरपोरेट वर्ल्ड ने फैसला का किया था विरोध

गुड़गांव को गुरुग्राम करने की चर्चा के बीच कॉरपोरेट वर्ल्ड ने इसकी तीखी आलोचना की थी। सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार पर खूब तंज कसा थे। लोगों ने नाम बदलने केे औचित्य पर ही सवाल उठा दिए थे।

नाम बदलने के पीछ यह था तर्क

हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया था कि स्थानीय लोगों की मांग पर गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया जा रहा है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा था कि यह वो इलाका है जहां महाभारत काल में द्रोणाचार्य का आश्रम हुआ करता था। यह एक बड़ा अध्ययन केंद्र था, जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। स्थानीय लोग काफी लंबे समय से गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किए जाने की मांग कर रहे थे।

विपक्ष ने खड़े किए थे सवाल

मनोहर लाल खट्टर सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल भी खड़े करने शुरू कर दिए थे। राज्य के कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्या वे सिर्फ नाम ही बदलते रहेंगे या फिर विकास के लिए भी कुछ करेंगे। उन्होंने कहा था कि गुड़गांव आज दुनियाभर में मशहूर है और इसका नाम बदल देने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।


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