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    2,200 छात्रों को मुफ्त कोचिंग दे रही दिल्ली सरकार, 21 करोड़ रुपये की योजना का लाभ उठा रहे स्टूडेंट्स

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 08:47 AM (IST)

    दिल्ली सरकार ने 'मदन मोहन मालवीय विद्या शक्ति मिशन' के तहत 2,200 मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देने का फैसला किया है। इस 21 करोड़ रुपये की योजना में जी, नीट, क्लैट, सीए और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इसे छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। कक्षाएं 26 नवंबर से शुरू हो चुकी हैं।  

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    कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करते छात्र-छात्राएं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सरकारी विद्यालयों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए महत्वाकांक्षी महमाना पंडित मदन मोहन मालवीय विद्या शक्ति मिशन को तेजी से आगे बढ़ाते हुए प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग व्यवस्था शुरू कर दी है। जी, नीट, क्लेट, सीए और सीयूईटी की तैयारी के लिए कुल 2,200 छात्रों को इस 21 करोड़ रुपये की योजना के तहत चयनित किया गया है।

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    शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि यह मिशन छात्रों को केवल शैक्षिक संसाधन नहीं, बल्कि बड़ा सोचने का साहस और भावनात्मक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    शिक्षा मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार छात्रों की शैक्षणिक आकांक्षाओं, मानसिक सुरक्षा और आधुनिक सीखने के अवसरों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।

    उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर को आयोजित सीईटी-2025 में 62,000 छात्रों ने भाग लिया, जो युवा पीढ़ी की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। चयनित छात्रों की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और 26 नवंबर से कक्षाएं शुरू भी हो गई हैं।

    वहीं, योजना के तहत जी, नीट, क्लेट, सीए फाउंडेशन पाठ्यक्रमों में 50-50 सीटें बालिकाओं के लिए आरक्षित की गई हैं, जबकि सीयूईटी-यूजी की 1000 सीटों में से 150 सीटें विशेष रूप से बालिकाओं के लिए सुरक्षित रखी गई हैं। कोचिंग की जिम्मेदारी अनुभवी संस्थानों आकाश इंस्टीट्यूट नारायणा अकादमी, केडी कैंपस और रविंद्र इंस्टीट्यूट को दी गई है। सभी कक्षाएं स्कूल समय के बाद एवं सप्ताहांत में आयोजित होंगी।

    मंत्री सूद ने दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों से मानसिक-भावनात्मक समर्थन प्रणाली को सुदृढ़ करने का आग्रह करते हुए कहा कि दिल्ली में कोई भी बच्चा स्वयं को असहाय या अनसुना महसूस न करे। उन्होंने स्कूलों में मनोवैज्ञानिक सहायता, प्रारंभिक तनाव पहचान प्रणाली, शिक्षकों के मानसिक-स्वास्थ्य प्रशिक्षण और साथियों के बीच संवाद तंत्र को अनिवार्य रूप से मजबूत किये जाने की आवश्यकता दोहराई।

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    उन्होंने कहा कि एआई-आधारित कक्षाएं, आधुनिक फर्नीचर, डिजिटल उपकरण और मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली सरकार की दीर्घकालिक दृष्टि का हिस्सा हैं। यह मिशन केवल कोचिंग प्रदान करने की योजना नहीं, बल्कि छात्रों के सपनों को संरक्षित, सशक्त और वास्तविक अवसरों से जोड़ने वाला एक आंदोलन है।