Delhi Crime: रूसी तेल कंपनी में निवेश कराने के नाम पर करोड़ों की ठगी, एक गिरफ्तार
जांच में सामने आया कि इस कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से बड़ी संख्या में लोगों से ठगी में लिप्त है और संदीप कौशिक एवं सुनील चौहान विदेश में छिपे हुए हैं। डीसीपी एमआइ हैदर की देखरेख में गठित टीम ने आरोपित आशीष मलिक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। रूसी तेल कंपनी में निवेश करने पर 20 प्रतिशत अधिक का मुनाफा देने का झांसा देकर हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडबल्यू) ने एक इंजीजियर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आशीष मलिक अपने दो अन्य साथी संदीप कौशिक और सुनील सिंह चौहान के साथ मिलकर गत सात वर्षों में 60 करोड़ रुपये से भी अधिक की ठगी कर चुका है। इस मामले में फिलहाल दो आरोपित देश से बाहर हैं। उनके खिलाफ एलओसी खोली जा चुकी है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त छाया शर्मा के मुताबिक दिसंबर 2019 में कोर्ट के आदेश पर आर्थिक अपराध शाखा में इस मामले को लेकर एफआइआर दर्ज की गई थी। पीड़ित आनंद लक्ष्मण परदेशी की शिकायत के अनुसार उन्होंने मई 2016 में अंग्रेजी अखबार में रुसी तेल कंपनी में निवेश का एक विज्ञापन देखा था।
कंपनी ने पश्चिम विहार स्थित एक होटल में सेमिनार का आयोजन किया जिसमें बताया गया कि कंपनी में निवेश करने पर प्रति माह 20 फीसदी रिटर्न दिया जाएगा। पीड़ित को बताया गया था कि जैकपाटमेनिया कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वास्त किया कि इन सभी रुपयों को रूसी कंपनी में निवेश करेगी। पीड़ित ने 89 लाख रुपये जमा कर दिए लेकिन दो माह बाद ही रिटर्न मिलने बंद हो गए।
जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि ठगी में संदीप कौशिक, आशीष मलिक और सुनील सिंह चौहान के नाम सामने आए। तीनों आरोपितों ने खुद को रुस की जैकपाटमेनिया कंपनी का निदेशक बताया और कहा कि उनकी तेल की कंपनी की भारतीय शाखा है।
जांच में सामने आया कि इस कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से बड़ी संख्या में लोगों से ठगी में लिप्त है और संदीप कौशिक एवं सुनील चौहान विदेश में छिपे हुए हैं। डीसीपी एमआइ हैदर की देखरेख में गठित टीम ने आरोपित आशीष मलिक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित ने हरियाणा के निजी संस्थान से बीटेक और एमबीए किया हुआ है।
बिटक्वाइन में बदलते थे रुपये
जांच में सामने आया कि यह गिरोह होटल में सेमिनार का आयोजन कर लोगों को भरोसे में लेता था। आरोपित आशीष काम था कि वह लोगों को तकनीकी पहलुओं को समझाए और सेमिनार में मौजूद लोगों के सवालों का जवाब दे। यह गिरोह लोगों से रुपये लेकर बैंक खाते में जमाकर उन्हें विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वाइन आदि में बदल कर निकाल लेता था। पुलिस इस गिरोह के बैंक खातों आदि की जांच कर रही है।