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दिल्ली सरकार के जवाब से हाई कोर्ट असंतुष्ट

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत नियम तैयार करने को लेकर बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल किए गए जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 08:09 PM (IST)
दिल्ली सरकार के जवाब से हाई कोर्ट असंतुष्ट
दिल्ली सरकार के जवाब से हाई कोर्ट असंतुष्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत नियम तैयार करने को लेकर बृहस्पतिवार को दाखिल किए गए दिल्ली सरकार के जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को नौ मई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।

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गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) दिल्ली रोजी-रोटी अधिकार अभियान की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार जिस तरह से काम कर रही है हम उससे संतुष्ट नहीं हैं। इसे देखते हुए हम वरिष्ठ अधिकारी को अगली तारीख पर पेश होकर तय समयसीमा में की गई कार्रवाई की सही जानकारी पेश करने का निर्देश देते हैं। दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा था कि वह खाद्य सुरक्षा कानून के तहत शिकायत निवारण और जवाबदेही के लिए नियम तैयार करने पर विचार कर रही है। एनजीओ ने दावा किया था कि एनएफएसए के तहत शिकायत निवारण और जवाबदेही उपायों के क्रियान्वयन के संबंध में सितंबर 2017 के निर्देशों का सरकार ने पालन नहीं किया।

याचिकाकर्ता एनजीओ दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान ने अपनी मुख्य याचिका में आधार कार्ड के बिना एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न के वितरण की मांग की थी। हाई कोर्ट ने सितंबर 2017 के आदेश में दिल्ली सरकार को उचित मूल्य की दुकानों द्वारा खाद्यान्न के वितरण पर केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए मॉडल नियमों की जांच करने और एनएफएसए 2013 के प्रावधानों के अनुसार चार सप्ताह में कदम उठाने के निर्देश दिए थे। दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा कि शिकायत निवारण के लिए नियमों को तैयार करने से संबंधित फाइल विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को भेजी गई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अदालत द्वारा निर्देशित एनएफएसए के तहत वैधानिक शिकायत निवारण ढांचा स्थापित करने का मामला फिलहाल विचाराधीन है। ऐसे में अवमानना याचिका का निपटारा किया जाए। एनजीओ ने अवमानना याचिका में दावा किया कि दक्षिण दिल्ली की कुछ झुग्गियों में आधार कार्ड न होने के कारण सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने में लोगों को परेशानी हो रही है।


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