आइजीआइ पर इस माह शुरू होगा फुल बॉडी स्कैनर का अंतिम ट्रायल
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर आखिरकार फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लग जाने से संदिग्ध व प्रतिबंधित चीजों को एयरपोर्ट के अंदर नहीं ले जाना मुश्किल हो जाएगा। काफी कम समय में मशीन प्रतिबंधित चीजों का पता लगा लेगी। इससे एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को जहां सहुलियत होगी वहीं ट्रर्मिनल की पुख्ता सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाएगी। आइजीआइ पर इस महीने फुल बॉडी स्कैनर का फाइनल ट्रायल शुरु होने की उम्मीद है। इसके लिए रूस के साथ मिलकर गुजरात की एक कंपनी द्वारा विकसित की गई बॉडी स्कैनर मशीन एयरपोर्ट पर स्थापित की जाएगी। टेलीफोन बूथनुमा इस मशीन से यात्री के प्रवेश करते ही मात्र तीन से पांच सेकंड में मशीन यह बता देगी की उसके पास कोई संदिग्ध चीज है अथवा नहीं। इसकी रिपोर्ट मिलते ही यात्री को विमान यात्रा के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर इस महीने फुल बॉडी स्कैनर का अंतिम ट्रायल किया जाएगा। इसके लगाए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति संदिग्ध व प्रतिबंधित सामान एयरपोर्ट के अंदर नहीं ले जा सकेगा। मशीन तीन से पांच सेकेंड में प्रतिबंधित सामान का पता लगा लेगी। इससे सुरक्षाकर्मियों को जहां सहूलियत होगी, वहीं टर्मिनल की पुख्ता सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाएगी। गुजरात की एक कंपनी ने रूस के साथ मिलकर इस मशीन को विकसित किया है।
आइजीआइ एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होने के साथ ही काफी संवेदनशील भी है। यहां से रोजाना डेढ़ लाख से अधिक लोग हवाई यात्रा करते हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की तैनाती की गई है। पुख्ता जांच के बाद यात्रियों को विमान यात्रा करने दिया जाता है। सुरक्षा जांच की प्रक्रिया में जहां ज्यादा समय लगता है, वहीं कई बार प्रतिबंधित सामान जांच में छूट भी जाते हैं। इस वजह से एयरपोर्ट पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने की योजना बनाई गई। आइजीआइ एयरपोर्ट पर पहली बार दिसंबर 2016 में स्कैनर मशीन का ट्रायल किया गया था। इस दौरान उसने काफी ज्यादा फॉल्स अलार्म (झूठा अलर्ट) दिए। कमियों को दूर करने के बाद वर्ष 2017 में दोबारा मशीन का ट्रायल किया गया। इस दौरान यदि साड़ी पहने हुए महिला इससे गुजरती तो मशीन फॉल्स अलार्म देती। साड़ी के बार्डर में धातु के तार लगे होने की वजह से ऐसा हो रहा था। एयरपोर्ट अधिकारियों का दावा है कि रूस के सहयोग से बनाई गई नई बॉडी स्कैनर मशीन में काफी हद तक पुरानी कमियां दूर कर ली गई हैं। पहले एयरपोर्ट के कर्मचारियों पर दो मशीनों से अंतिम ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल पूरा होने पर मशीनों से यात्रियों की भी जांच शुरू कर दी जाएगी।
--------------------- टेलीफोन बूथ की तरह है संरचना
फुल बॉडी स्कैनर मशीन की संरचना टेलीफोन बूथ की तरह है। इसमें यात्रियों को 3-5 सेकेंड के लिए खड़े होना होगा। इस दौरान उसकी एक्सरे छवि आएगी, जिसे ऑपरेटर स्कैन करेगा। यदि कोई अपने साथ अवांछित या प्रतिबंधित सामान ले जा रहा होगा तो वह अलग रंग में सुरक्षाकर्मियों को दिखेगी। संवेदनशील एयरपोर्ट पर लगाई जाएंगी मशीनें
केंद्र सरकार ने इस साल जून में निर्देश दिया था कि देश के संवेदनशील एयरपोर्ट पर फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएं। अभी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और हैंड-हेल्ड स्कैनर से यात्रियों की जांच होती है। सरकार ने 100 से अधिक एयरपोर्ट में से आइजीआइ सहित 28 को अतिसंवेदनशील और 56 एयरपोर्ट को संवेदनशील के रूप में वर्गीकृत किया है। अतिसंवेदनशील एयरपोर्ट पर मार्च 2020 तक फुल बॉडी स्कैनर स्थापित करने की योजना है। अन्य एयरपोर्ट पर मार्च 2021 तक इसे स्थापित किया जा सकता है।