हर क्षेत्र में प्रदूषण से जंग के लिए होगी अलग रणनीति
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली मौसम विभाग के एयर क्वालिटी अर्ली वार्निग सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
मौसम विभाग के एयर क्वालिटी अर्ली वार्निग सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है। यह सिस्टम क्षेत्र विशेष के अनुरूप प्रदूषण का पूर्वानुमान दे रहा है, लिहाजा अब नियंत्रण की योजना भी इसी के अनुरूप बनाई जाएगी। यहां तक कि स्थानीय निकाय भी इसी हिसाब से कार्रवाई तय करेंगे। क्षेत्र विशेष आधारित पूर्वानुमान के आधार पर ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की आपात बैठकें बुलाई जाएंगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) अब अपनी 41 टीमों की पूरी सर्वे रिपोर्ट ईपीसीए को देगा। दूसरी तरफ मौसम विभाग द्वारा अगले तीन दिन के लिए जारी होने वाले पूर्वानुमान में आनंद विहार, द्वारका या शादीपुर इत्यादि अलग-अलग क्षेत्रों की जानकारी दी जाएगी कि वहां कैसा प्रदूषण रहने वाला है। इस रिपोर्ट और पूर्वानुमान के आधार पर ही वहां का एक्शन प्लान बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि सीपीसीबी पहले भी एक रिपोर्ट तैयार कर चुका है कि दिल्ली एनसीआर के अलग- अलग क्षेत्रों में प्रदूषण की बड़ी वजहें क्या हैं। मसलन, किसी एरिया में प्रदूषण की वजह निर्माण संबंधी गतिविधियां हैं तो कुछ में ट्रैफिक जाम और कुछ में इसकी वजह खुले में आग लगाना है जबकि कुछ में औद्योगिक इकाइयां। ऐसे में अलग-अलग जगहों के प्रदूषण का पूर्वानुमान मिलने से स्थानीय निकायों को भी कदम उठाने में मदद मिल सकेगी। इसका प्रभाव भी अधिक होगा।
हाल-फिलहाल मौसम विभाग दिल्ली एनसीआर की कुल 19 जगहों का पूर्वानुमान कर रहा है। इनमें नार्थ कैंपस, आइजीआइ, पूसा, आया नगर, लोदी रोड, नोएडा सेक्टर-62, सीआरआरआई मथुरा रोड, शादीपुर, आईटीओ, डीटीयू, द्वारका एनएसआइटी, इहबास, पंजाबी बाग, मंदिर मार्ग, सीरीफोर्ट, आरके पुरम, वसुंधरा गाजियाबाद, विकास सदन गुरुग्राम और एमडीयू रोहतक शामिल हैं। बॉक्स-1
सफर के साथ अब मौसम विभाग से भी प्रदूषण का पूर्वानुमान मिलने लगा है। ऐसे में एक्शन लेने में मदद मिलेगी। यदि अगले तीन दिनों में स्थिति बिगड़ने का अंदेशा होगा तो इसके लिए बैठक बुलाई जाएगी।
- डॉ. भूरेलाल, अध्यक्ष, ईपीसीए