बैंक की नौकरी छोड़ इंजीनियर ने डेढ़ माह में 1200 लोगों को ठगा
जागरण संवाददाता दक्षिणी दिल्ली महरौली थाना पुलिस ने फर्जी काल सेंटर खोलकर नौकरी देने के
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : महरौली थाना पुलिस ने फर्जी काल सेंटर खोलकर नौकरी देने के बहाने लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का मास्टरमाइंड आशीष उर्फ अमन बीटेक करने के बाद एक बैंक में इंजीनियर था। डेढ़ माह पहले उसने बैंक की नौकरी छोड़ दी और अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर फर्जी काल सेंटर खोल लिया। उसने कुछ स्टाफ रखकर लोगों को नौकरी के लिए काल करवाने लगा। डेढ़ माह में ही आरोपित ने छह राज्यों के करीब 1200 लोगों से लाखों रुपये ठग लिए। पुलिस ने गुप्त सूचना पर चार युवतियों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दक्षिणी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि आशीष बीटेक के बाद एक निजी बैंक में काम करता था, लेकिन नौकरी छोड़कर उसने अर्जुन और राहुल के साथ मिलकर फर्जी काल सेंटर खोला, जहां अन्य आरोपितों को नौकरी पर रखा। उसने सभी लोगों को बताया था कि वह लोगों को नौकरी देने के नाम पर ठगेगा। जो ज्यादा ठगी करेगा, उसे सैलरी के अलावा उतना ही इंसेंटिव दिया जाएगा। फिलहाल राहुल फरार है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 25 दिसंबर को महरौली के एसएचओ इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह, एसआइ वरुण, राजेश कुमार, अमित की टीम को सूचना मिली कि सैदुल्लाजाब में फर्जी काल सेंटर चल रहा है। पुलिस टीम ने काल सेंटर पर छापा मारा, जहां एक घर में चार युवती और पांच लड़के लैपटाप पर काम कर रहे थे और कुछ फोन पर बातें कर रहे थे। पुलिस ने यहां से 31 रजिस्टर, 5 लैपटाप, 5 मोबाइल और 8 सिम कार्ड, दर्जनों फर्जी अपाइंटमेंट लेटर बरामद किए। काल सेंटर से पकड़े गए लोगों में विकास यादव, कृष्णा, नजाकत अली, रूप बसंत, अविनाश, प्रीति, रितु, उर्मिला और बेबी शामिल थे। इन्होंने बताया कि वे अर्जुन, आशीष और राहुल के लिए काम करते हैं और इस काल सेंटर से देश भर में लोगों को विस्तारा, इंडिगो, अल्ट्राटेक, टाटा जैसी मल्टीनेशन कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगते हैं। पुलिस ने इनके बयान के बाद 28 दिसंबर को दिल्ली से अर्जुन और आशीष को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित आशीष ने पुलिस को बताया कि काल सेंटर शुरू करने के लिए उसने विज्ञापन देकर नौकरी पर लोगों को रखा। पीड़ितों का डाटा राहुल और अर्जुन जमा करते थे। यह डाटा इंटरनेट मीडिया पर कई वेबसाइटों पर उन्होंने फर्जी पेज बनाकर नौकरी देने की बात कही थी। इस पर लोग बड़ी संख्या में नौकरी के लिए अप्लाई करते थे। इसके साथ ही कई नौकरी देने वाली कंपनियों के भी वह संपर्क में थे जो उन्हें बेरोजगारों का डाटा देते थे। आशीष के अकाउंट में 7.50 लाख रुपये मिले हैं। आरोपितों ने 20 लाख से ज्यादा की ठगी की है। आरोपितों ने कर्नाटक, तामिलनाडु, केरल, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोगों को टारगेट किया।