छावनी में इस मानसून फल व फूल वाले पौधे लगाने पर जोर
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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली छावनी इलाके में फैली हरियाली के चलते फिलहाल वहां दिल्ली के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले प्रदूषण स्तर काफी कम है। पर प्रदूषण को जड़ से खत्म करने के लिए छावनी परिषद का जोर हर साल की तरह इस बार भी फल व फूल वाले पौधे लगाने पर अधिक रहेगा। असल में फल व फूल वाले पौधे लगाने से न सिर्फ प्रदूषण स्तर दोगुनी रफ्तार से कम होता है, बल्कि इससे क्षेत्र में पक्षियों व मधुमक्खियों का भी बसेरा होता है।
अधिकारियों के मुताबिक अभी तक छावनी में कभी भी नियोजित ढंग से या फिर सोच-समझकर पौधरोपण नहीं किया गया है। ऐसे में छावनी हरा-भरा तो है, लेकिन उनसे प्रदूषण स्तर कम हो, यह जरूरी नहीं है। फरवरी, 2016 में छावनी में पेड़ों की गिनती हुई थी, उस दौरान इन पेड़ों की संख्या 12 हजार 569 सामने आई थी। 2018 व 2019 में छावनी परिषद की ओर से करीब 1461 फल युक्त पौधे लगाए गए थे। फल युक्त पौधों में विशेष जोर आम, जामुन, अमरूद व नीम पर है। खास बात यह है कि ये तमाम पौधे बीज से लगाए गए हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक बीज से लगाए जाने वाले पौधों का विकास हर मौसम में संभव है। इन पौधों पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती, जबकि ग्राफटिग कर लगाए गए पौधों में मेहनत अधिक है। पर्यावरण के लिहाज से बीज वाले पौधे अधिक कारगर हैं और इनका जीवन भी अधिक है। इसके अलावा वैज्ञानिकों की मानें तो झाड़ियों वाले पौधे प्रदूषण स्तर को कम करने में सबसे अधिक कारगर हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए छावनी परिषद में एक लाख नौ हजार 290 झाड़ियों युक्त पौधे लगाए गए हैं। साथ ही दो हजार 463 अन्य पौधे बीते दो साल में लगे हैं, जिसमें चंपा, गुलमोहर, गुडहल व अर्जुन के पौधे शामिल हैं। मानसून दिल्ली में दस्तक दे चुका है, ऐसे में इस बार भी छावनी परिषद क्षेत्र में पौधरोपण की योजना बना रहा है।