Weather Update: कब तक बदलेगा मौसम का मिजाज? पढ़िये- नामी वैज्ञानिक से एक्सक्लूसिव बातचीत
Weather Update News फरवरी के अंत तक दिल्ली एनसीआर में मौसम बदल जाएगा। गर्मी का एहसास भी होने लगेगा। लेकिन आगे चलकर गर्मी कैसी और कितनी पड़ेगी? इसे लेकर मौसम विभाग द्वारा पहला पूर्वानुमान फरवरी के आखिरी दिन तक जारी किया जाएगा।
नई दिल्ली। मानसून की रिकार्ड बारिश के बाद इस बार जनवरी में भी जहां बरसात ने 122 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया, वहीं ठंड ने 72 साल का रिकार्ड बना दिया है। इस साल ठिठुरन भरे ठंडे दिन बढ़े हैं तो कोहरे के दिन घटे हैं। आलम यह है कि अब तो हर कोई यही चर्चा करता नजर आता है कि आखिर और कितने दिन ठंड बनी रहेगी? दिल्ली- एनसीआर वासियों को यह भी लगने लगा है कि कहीं इस साल गर्मी भी तो रिकार्डतोड़ ही नहीं पड़ेगी? इन्हीं सब मुदdदों पर संजीव गुप्ता मौसम विज्ञान विभाग महानिदेशक डा. मृत्यंजय महापात्रा से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :-
इस बार मानसून की बारिश भी रिकार्डतोड़ हुई और फिर ठंड भी खूब पडी। ऐसे में क्या गर्मी भी जोरदार ही पड़ने की संभावना है?
अभी इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा। फिलहाल तो सर्दी ही चल रही है। अलबत्ता, इतना जरूर कहा जा सकता है कि फरवरी के अंत तक दिल्ली एनसीआर में मौसम बदल जाएगा। गर्मी का एहसास भी होने लगेगा। लेकिन आगे चलकर गर्मी कैसी और कितनी पड़ेगी? इसे लेकर मौसम विभाग द्वारा पहला पूर्वानुमान फरवरी के आखिरी दिन तक जारी किया जाएगा।
चरम मौसमी घटनाएं (एक्सट्रीम वेदर इवेंटस) क्या भविष्य में भी ऐसे ही जारी रहेंगी? इसकी क्या वजह है और क्या यह वाकई चिंता का विषय है?
चरम मौसमी घटनाओं की मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते यह हालात लगातार बने हुए हैं। जैसे जैसे तापमान बढ़ेगा, मौसम चक्र में बदलाव सहित रिकार्ड तोड़ने वाले मौसमी इवेंट भी होते रहेंगे। निस्संदेह यह स्थिति चिंता का विषय तो है ही। इसका असर भी कमोबेश हर क्षेत्र में पड़ेगा।
-पहले के मुकाबले मौसम पूर्वानुमान बेहतर तो हुए हैं। इन्हें और ज्यादा सटीक बनाने को क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
मौसम पूर्वानुमान को और बेहतर बनाने के लिए जीआइएस एप्लीकेशन का भी प्रयोग किया जा रहा है। अभी 14 जनवरी को ही मुंबई, लेह, चेन्नई और नई दिल्ली में चार नए राडार शुरू किए हैं। सटीक माडल और डिसीजन सपोर्ट सिस्टम पर भी काम किया जा रहा है। जल्द ही अलग=अलग क्षेत्रों का पूर्वानुमान शुरू करने की योजना पर भी काम चल रहा है। मसलन, अक्षय ऊर्जा, रेलवे और परिवहन।
आयानगर में शुरू किया गया राडार इस दिशा में किस तरह उपयोगी साबित होगा?
आयानगर में लगाया गया राडार एक्स बैंड-वेब लिंक फ्रीक्वेंसी सुविधा वाला है। इस राडार की रेंज एक सौ किमी तक है और इसकी मौसमी गतिविधियों की रिकार्डिंग क्षमता अत्याधुनिक है। इससे बारिश, सर्दी, गर्मी, शीतलहर और लू सभी का पूर्वानुमान अधिक प्रामाणिक ढंग से तैयार हो सकेगा।
-आने वाले समय में और कितने राडार लगाने की योजना है और कहां कहां लगाए जाएंगे?
दिल्ली एनसीआर में फिलहाल और राडार लगाने की कोई योजना नहीं है। यहां का मौसम पूर्वानुमान जारी करने के लिए लोधी रोड व पालम में मौसम विभाग के दो राडार पहले से हैं और 500-4500 किमी तक की रेंज तक मौसमी गतिविधियों को रिकार्ड करते हैं। इसके अलावा एक राडार जयपुर और एक लखनऊ में भी लगा है। अब इस साल पांच राडार कोस्टल हिमालयी क्षेत्र में लगाए जाएंगे। इसके बाद दो साल के भीतर आठ राडार उत्तर पूर्वी हिमालय क्षेत्र और 11 राडार मैदानी क्षेत्रों में लगाए जाने हैं। आटोमैटिक वेदर स्टेशन भी बढ़ाए जा रहे हैं।
दिल्ली एनसीआर के लिए काम्पेक्ट मौसम पूर्वानुमान और तापमान जारी करने की कोई योजना है क्या?
इसके लिए मौसम विज्ञान विभाग ने अर्बन मेट्रोलॉजिकल सर्विस के लिए एक नया वेबपोर्टल प्रारंभ किया है। इस वेबपोर्टल से 58 एयर क्वालिटी एंड वेदर मानिटरिंग एवं नौ वेदर स्टेशनों को जोड़ा गया है। यहां लोग रडार और सैटेलाइइट आब्जर्वेशन के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। इस पर अगले तीन घंटे के लिए नाउकास्ट सर्विस, सात दिनों का पूर्वानुमान, वेदर अलर्ट, वेदर वार्निंग सभी तरह की जानकारी एक ही जगह मिलती है। दिल्ली और एनसीआर के अलग- अलग जिलों के हिसाब से लोग यहां वार्निंग देख सकते हैं, जिसमें आंधी, बारिश, लू, सर्दी से संबंधित जानकारी भी शामिल है। इस वेबपोर्टल पर लोगों को हवा की गुणवत्ता से संबंधित जानकारी के साथ- साथ ही रियल टाइम तापमान, नमी, बारिश, हवा की दिशा और हवा की गति आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है। साथ ही यहां पीएम 10, पीएम 2.5, ओजोन स्तर और एयर क्वालिटी इंडेक्स की जानकारी भी उपलब्ध है।