हड़ताली कर्मचारियों का कटेगा वेतन, एस्मा लगाने की तैयारी
एक तरफ देश भर में स्वच्छता ही सेवा है पखवाड़ा चल रहा है इसके उलट पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिससे प्रधानमंत्री के इस अभियान को पलीता लग रहा है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। जो सफाई कर्मचारी काम करना चाहते हैं उन्हें भी काम करने नहीं दिया जा रहा है। यहां
सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली
देश भर में जहां 'स्वच्छता ही सेवा है' पखवाड़ा चल रहा है, वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे प्रधानमंत्री के इस अभियान को पलीता लग रहा है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। जो सफाई कर्मचारी काम करना चाहते हैं उन्हें भी काम करने नहीं दिया जा रहा है। ऑटो टिपर को भी रोका जा रहा है, जिससे कूड़ा डलाव घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सफाई कर्मचारियों से कई स्तर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन उनके अड़ियल रवैये से समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इससे निगम प्रशासन सख्ती के मूड में है। काम न करने वाले सफाई कर्मचारियों की सूची बननी शुरू हो गई है। निगम सूत्रों का कहना है कि इनका वेतन काटा जाएगा। इसके साथ ही निगम प्रशासन ने एस्मा (आवश्यक सेवाएं अधिनियम) लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
निगम सूत्रों का कहना है कि सफाई कर्मचारियों की सिर्फ इस बार की नहीं, बल्कि पिछले सभी हड़तालों में काम नहीं करने के दिन की सूची बनाई जा रही है। सफाई कर्मचारी पांच वर्ष में आठ बार हड़ताल पर जा चुके हैं। इसमें उन्होंने कई-कई दिन कार्य नहीं किया है, लेकिन उन्हें इसका वेतन मिला है। निगम अधिकारियों का कहना है कि सफाई कर्मचारियों की यूनियन को पता है कि हड़ताल की वजह से उनके रुके हुए एरियर नहीं मिल सकते हैं, क्योंकि निगम के पास फंड ही नहीं है। दिल्ली सरकार फंड मुहैया नहीं करा रही है, जिसकी वजह से समस्या है। निगम के अधिकारियों को पांच-पांच महीने से वेतन नहीं मिल रहा है, लेकिन सफाई कर्मचारियों को हर माह वेतन दिया जाता है। आर्थिक दिक्कतों के बाद भी किसी तरह सफाई कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन प्रधानमंत्री के स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के दौरान उनका हड़ताल पर जाना घोर आपत्तिजनक है। आठ दिन से चल रही हड़ताल की वजह से पूर्वी दिल्ली गंदगी के ढेर में तब्दील हो गई है। इससे बीमारियां फैलने की आशंका है। लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। इसी वजह से एस्मा लगाने पर विचार किया जा रहा है। एस्मा लगाने के बाद अगर कोई कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर नहीं आता है तो उसे बर्खास्त किया जा सकता है। बर्खास्तगी के बाद अगर उसकी बहाली होती भी है तो उसे वरिष्ठता सहित कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है।