गंदगी से बुरा हुआ हाल, सड़कों पर फैला चार हजार मीट्रिक टन कूड़ा
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की 14 दिनों से जारी हड़ताल कॉलोनी की सड़कों पर और नालियों में पड़ा कूड़ा सड़ांध मारने लगा है। बारिश के बाद हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है। जिससे लोगों को गली में घुसना तो दूर, अब घरों के अंदर रहना भी दूभर हो रहा है। सांस के मरीजों की
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की 14 दिनों से जारी हड़ताल के कारण कॉलोनी की सड़कों पर और नालियों में पड़ा कूड़ा अब सड़ने लगा है। बारिश के बाद हालात बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं। लोगों का गली में घुसना तो दूर, घरों के अंदर रहना भी दूभर हो रहा है। बीमारियां फैलने की आशंका हो रही है। सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ गई है। अनुमान है कि पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर चार हजार मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा पड़ा हुआ है।
हाई कोर्ट के सख्त दिशा निर्देश की वजह से अब तक हड़ताली सफाई कर्मचारी ट्रकों को नहीं रोक रहे थे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने डिपो में ताला जड़ दिया। इसके अलावा अदालत के निर्देशों को दरकिनार कर सभी ऑटो टिपर भी नहीं चलने दिए। इसकी वजह से मुख्य सड़कों व कॉलोनियों की स्थिति बदहाल हो गई है। कॉलोनी की सड़कों के साथ-साथ मुख्य सड़कों पर झाड़ू नहीं लगाई जा सकी है। इसके अलावा बाजारों में पड़े रहने वाले कचरे को उठाने वाले ऑटो टिपर भी नहीं पहुंच रहे हैं। इससे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगते जा रहे हैं। जहां खुले में कूड़ा डाला जाता है, वहां से भी उसे उठाने की व्यवस्था नहीं हो पाई है। शाहदरा उत्तरी जोन की हालत तो और भी ज्यादा खराब है।
निगम अधिकारियों के अनुसार, पूर्वी निगम के विभिन्न क्षेत्रों से रोजाना 2600 मीट्रिक कूड़ा उठता है। लेकिन, जबसे हड़ताल हुई है औसतन दो हजार से 2100 मीट्रिक टन कूड़ा ही उठ पा रहा है। रोजाना 500 से 600 मीट्रिक टन कचरा सड़कों पर पड़ा रह जा रहा है। कूड़े की यह मात्रा रोजाना बढ़ती जा रही है। मंगलवार को दिन में तो आधे समय तक ट्रकों के डिपो में बंद होने की वजह से डलाव घरों से भी आधा कूड़ा ही निकल पाया। कचरा नहीं उठने की वजह से पूर्वी दिल्ली की हर कॉलोनी में समस्या है। जहां तंग गलियां हैं और सीवर लाइन नहीं है वहां गंदगी के मारे बुरा हाल हो गया है। एक अधिकारी कहते हैं कि अगर एक टन कचरे को भी सड़क पर फैला दिया जाए तो वह परेशानी का सबब बन जाता है लेकिन इतना ही कूड़ा जब डलाव में रहता है तो वह नजर नहीं आता है। निगम प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को भी आयुक्त ने सफाई कर्मचारियों की यूनियन के साथ बैठक की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।