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आर्थिक तंगी का रोना, फिर भी फायदे का बजट

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली : हमेशा आर्थिक तंगी का हवाला देने वाले वाले पूर्वी दिल्ली नगर निगम न

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 03:00 AM (IST)
आर्थिक तंगी का रोना, फिर भी फायदे का बजट
आर्थिक तंगी का रोना, फिर भी फायदे का बजट

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली :

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हमेशा आर्थिक तंगी का हवाला देने वाले वाले पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने पहली बार ऐसा बजट पेश किया, जिसमें निगम को फायदे में दिखाया गया है। बजट में दिल्ली सरकार से मिलने वाली संभावित राशि को भी आमदनी में जोड़ा गया है, लेकिन फंड को लेकर वर्तमान दिल्ली सरकार और निगम के बीच की रार किसी से छिपी नहीं है। दिल्ली सरकार के पास नगर निगम का अब भी 9,226 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह बजट महज एक कल्पना की तरह है।

पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में स्थायी समिति अध्यक्ष प्रवेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में निगम आयुक्त डॉ. रणबीर ¨सह ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 5217 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें कर्मचारियों का 1650 करोड़ रुपये का बकाया एरियर भी शामिल है। बजट में निगम को विभिन्न स्त्रोतों से 5,110 करोड़ रुपये की आमदनी होने और निगम के पास 113 करोड़ रुपये पहले से होने की बात कही गई है। इस तरह आगामी वित्तीय वर्ष में 6.72 करोड़ की अतिरिक्त राशि निगम के पास होगी।

वर्तमान में निगम कर्मचारियों के वेतन पर ही सालाना 2040 करोड़ रुपये खर्च होते हैं और अन्य मद के खर्च अलग हैं। निगम की अपने स्त्रोतों से आमदनी 800 करोड़ है, जबकि दिल्ली सरकार से करीब 570 करोड़ रुपये मिलने का प्रावधान है। सिर्फ वेतन मद में 670 करोड़ रुपये कम हैं। इस बाबत निगम आयुक्त कहते हैं कि निगम के बजट को घाटे का नहीं दिखाया जा सकता है। सरकार से मिलने वाले संभावित फंड को भी इसमें शामिल किया जाता है।

पांचवें वित्त आयोग से बंधी आस

निगम आयुक्त ने कहा कि चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू नहीं हो पाई है। अगर हुआ होता तो पूर्वी निगम आर्थिक बदहाली से नहीं जूझ रहा होता। अभी ए और बी श्रेणी के अधिकारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। अब पांचवें वेतन आयोग ने भी अपनी सिफारिशें पेश कर दी है। इसके लागू होने पर पूर्वी निगम को काफी अधिक फंड मिलने की संभावना है।

आमदनी बढ़ाने के लिए तीन नए कर का प्रस्ताव

निगम आयुक्त ने आय बढ़ाने के लिए तीन नए कर का प्रस्ताव दिया है। इनमें शिक्षा कर, सुधार कर और आजीविका कर शामिल हैं। संपत्ति कर का पांच प्रतिशत शिक्षा कर के रूप में भी लिया जाएगा। जिन इलाकों में सरकार की परियोजना की वजह से संपत्ति की कीमत में वृद्धि हुई है, वहां सुधार कर के तहत संपत्ति कर का 15 फीसद कर लिया जाएगा। उपरोक्त दोनों करों से 10-10 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। वहीं, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख रुपये से ज्यादा होगी, उनसे आजीविका कर लिया जाएगा। इससे सालाना पांच करोड़ रुपये आएंगे। हालांकि, ये तीनों कर पिछले 10 वर्षो से लगाए जा रहे हैं, लेकिन हर बार सदन इसे निरस्त कर देता है।

मनोरंजन शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव

क्लास-1 थियेटर : 10 रुपये प्रति शो से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति शो

क्लास 2 थियेटर : 7 रुपये प्रति शो से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति शो

ड्रामा, सर्कस, तमाशा : 7 रुपए प्रति शो से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति शो

कार्निवल और मेला : 10 रुपये प्रति शो से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति शो

36 जगहों पर बहुमंजिला पार्किंग बनाने का प्रावधान

निगम आयुक्त ने बजट में 36 जगहों पर बहुमंजिला (स्टैक )पार्किंग बनाने का प्रावधान किया है। इसके तहत प्रीत विहार, गीता कॉलोनी, बाबरपुर और नंदनगरी के लिए सलाहकार नियुक्त करने के लिए टेंडर मिल गए हैं। यहां 2019 तक पार्किंग बनाने का लक्ष्य है। लक्ष्मीनगर जिला केंद्र और विकास मार्ग पर पीपीपी मोड के तहत बहुमंजिला पार्किंग बनाई जाएगी। प्रशासनिक स्वीकृति के बाद निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। इसके अलावा 30 अन्य जगहों को भी चिह्नित किया गया है। इसके लिए सलाहकार नियुक्त करने का काम चल रहा है।


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