तीन नए कर को खारिज कर निगम में बजट हुआ पास
पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी आर्थिक तंगी के लिए हमेशा चर्चा में बना रहता है, जनता पर थोपे जा रहे तीन तरह के नए कर को सदन की बैठक में सिरे खारिज कर दिया। इनमें शिक्षा उपकर से पांच प्रतिशत दूसरा सुधार कर मतलब जिन संपत्तियों की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई उनसे 15 प्रतिशत कर तथा आजीविका/ वृत्ति व्यवसाय टैक्स के दायरे में लाने की निगमायुक्त की योजना थी।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी आर्थिक तंगी के लिए हमेशा चर्चा में बना रहता है। इसके बावजूद जनता पर थोपे जा रहे तीन नए कर को सदन की बैठक में सिरे खारिज कर दिया। इनमें शिक्षा उपकर से पांच प्रतिशत, दूसरा सुधार कर मतलब जिन संपत्तियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई उनसे 15 प्रतिशत कर तथा आजीविका/वृद्धि व्यावसाय टैक्स के दायरे में लाने की निगमायुक्त की योजना थी।
स्थायी समिति के चेयरमैन सत्यपाल सिंह ने वर्ष 2018-19 के संशोधित बजट अनुमान व वर्ष 2019-2020 के बजट पर अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि निगम भले ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, लेकिन किसी कीमत पर जनता पर नया कर नहीं थोपा जाएगा। वर्ष 2019-20 में पूर्वी निगम का लक्ष्य 469985.20 लाख रुपये प्राप्त करना है, जबकि खर्च 463501.52 लाख रुपये है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पार्किंग, लाभकारी योजना विभाग, फैक्ट्री लाइसेंसिग सहित अन्य विभागों से राजस्व की प्राप्ति की जाएगी। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निगम अपने खर्चों पर भी अकुंश लगाएगा। पूर्वी निगम ने एक प्रस्ताव पास किया है, जिसके अंतर्गत अनाधिकृत कॉलोनियों के संपत्तिधारक स्वयं अपनी संपत्ति का आंकलन कर स्व-घोषित आधार पर संपत्ति कर का भुगतान कर सकेंगे। इस योजना से उनको जुर्माने से पूरी तरह छूट होगी। इस योजना से नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होगी, साथ ही अधिक से अधिक संपत्तियां टैक्स के दायरे में आ सकेंगी। उन्होंने कहा कि बिजली की खपत कम करने के लिए निगम सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर रहा है। जिन भवनों की बिजली खपत 25 किलोवाट से ज्यादा है, उन भवनों को एस्को मॉडल पर रूफटॉप अधिकार देकर उन पर सोलर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने का प्रस्ताव पास किया जा चुका है।