Earthquake In Delhi: खतरे के मुहाने पर बैठी है राजधानी दिल्ली, बड़ी घटना होने पर नहीं हो सकता बचाव कार्य
राजधानी में नियमित रूप से बनी बहुमंजिला इमारतों ढांचागत मजबूती जांच भी हाईकोर्ट के आदेश पर होनी है लेकिन यह महज कागजी कार्रवाई बनकर ही रह गई है। दिल्ली में अभी भी बहुत सी बहुमंजिला इमारते हैं जिनका ढांचागत मजबूती का परीक्षण ही नहीं हुआ है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली पर भूकंप का बड़ा खतरा है। तेज झटकों से राजधानी दिल्ली में कभी भी बड़ा नुकसान हो सकता है। दिल्ली में दो हजार से अधिक अवैध कॉलोनियां बसी हुई हैं जिनमें बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। घनी आबादी होने की वजह से इन मकानों को बहुमंजिला तो बनाया गया है ही है और सुरक्षा मानकों का भी ध्यान नहीं रखा गया।
बिना पिलरों के चार इंच की दीवारों पर बहुमंजिला मकान खड़े हैं। आबादी इतनी घनी हो चुकी है कि तेज भूकंप आने पर इन कॉलोनियों में बचाव के लिए भी खाली स्थान नहीं है। कई कॉलोनियां ऐसी हैं जिनमें दूर-दूर तक पार्क तक नहीं है। वही संकरी गलियों में तो दुर्घटना होने पर राहत और बचाव दल बमुश्किल पहुंच पाता है।
राजधानी में नियमित रूप से बनी बहुमंजिला इमारतों ढांचागत मजबूती जांच भी हाईकोर्ट के आदेश पर होनी है, लेकिन यह महज कागजी कार्रवाई बनकर ही रह गई है। दिल्ली में अभी भी बहुत सी बहुमंजिला इमारते हैं जिनका ढांचागत मजबूती का परीक्षण ही नहीं हुआ है। इस पर दिल्ली नगर निगम से लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण और एनडीएमसी विफल साबित हुए हैं। एक इमारक गिरने पर प्रशासन को औमतौर पर 10-12 घंटे राहत और बचाव में लग जाते हैं अगर भूकंप से बड़ा नुकसान हुआ तो प्रशासन क्या कार्य कर पाएगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
दिल्ली में भूकंप के तेज झटकों से दहशत में दिल्लीवासी
बता दें कि राजधानी दिल्ली में भूकंप के तेज झटकों से दिल्लीवासी दहशत में आ गए हैं। जैसे ही लोगों को झटके महसूस हुए लोग अपने घर से बाहर भागते हुए नजर आए और जो ऊपरी मंजिल पर रहने वाले थे वह सीढ़ियों की ओर दौड़ चलें । देखते ही देखते गलियों, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और बाजारों में अचानक भीड़ इकट्ठा हो गई और लोग भूकंप के अपने अनुभव को एक दूसरे से साझा करते हुए नजर आए।
राजधानी में भूकंप के झटके महसूस होने की घटनाएं पूर्व में भी होती रही है लेकिन नागरिकों ने तेज झटके महसूस होने पर चिंता जाहिर की है।जैसे ही झटके कम हुए या कुछ समय बीता तो लोगों ने मोबाइल और टेलीविजन पर भूकंप की खबरें देखने की कोशिश की। लोगों में यह उत्सुकता थी कि भूकंप का केंद्र आखिर क्या है भारत में भूकंप का केंद्र ना होने पर लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन लोग तेज झटकों से डरे हुए थे। उन्हें डर था कहीं दोबारा भूकंप ना आ जाए इसलिए लोग काफी देर तक घरों के बाहर ही एक दूसरे से चर्चा करते हुए नजर आए।
कई लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर भी भूकंप में पंखे हिलने से लेकर झूमर जैसी चीजों के हिलने के वीडियो रिकॉर्ड करके भी साझा किए हैं। इसमें लोग भूकंप के तेज झटकों का वर्णन करते हुए देखे जा रहे हैं। नीमिष दुबे ने ट्विटर पर भूकंप की वजह से अपनी बुक सेल्फ में रखी किताबों की गिरने की तस्वीर भी साझा की है। ट्विटर पर काफी लोगों ने भूकंप की जानकारी साझा कर रहे थे जिसकी वजह से हेशटेग भूकंप भी ट्रेड कर रहा था। हालांकि राहत की बात है कि दिल्ली में कोई जान माल का नुकसान न होने की जानकारी है।