कोरोना ने फीका किया मेहंदी का रंग
दिल्ली समेत पूरे भारत में आज के दिन हरियाली तीज का त्योहार बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं इस साल कोरोना वायरस के कारण महिलाएं मेहंदी लगवाने से ऐतराज कर रही हैं जिसके चलते दिल्ली में मेहंदी लगाने वाले कारीगर खाली बैठे हैं। कारीगरों का कहना है कि कोरोना के कारण वह बेरोजगार हो गए हैं। हर साल हरियाली तीज रक्षाबंधन और करवाचौथ के मौके पर हजारों महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए आती थीं लेकिन इस साल महिलाओं ने बाहरी व्यक्तियों के हाथों से मेहंदी लगवाने से परेज कर रही हैं और घर में अपने आप या परिवार के अन्य सदस्य से मेहंदी लगवाकर सज संवर रही हैं।
राहुल सिंह, नई दिल्ली : दिल्ली समेत पूरे भारत में आज के दिन हरियाली तीज का त्योहार बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं, इस साल कोरोना वायरस के कारण महिलाएं मेहंदी लगवाने से ऐतराज कर रही हैं, जिसके चलते दिल्ली में मेहंदी लगाने वाले कारीगर खाली बैठे हैं। कारीगरों का कहना है कि कोरोना के कारण वह बेरोजगार हो गए हैं। हर साल हरियाली तीज, रक्षाबंधन और करवाचौथ के मौके पर हजारों महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए आती थीं, लेकिन इस साल महिलाएं बाहरी व्यक्तियों के हाथों से मेहंदी लगवाने से परहेज कर रही हैं। वे घर में ही खुद से या परिवार के अन्य सदस्य से मेहंदी लगवाकर सज संवर रही हैं।
कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के बाहर हर साल हजारों महिलाएं तीज त्योहार के समय मेहंदी लगवाने के लिए दूर-दूर से आती हैं। महिलाओं को इस मौके पर मेहंदी लगवाने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी, लेकिन इस साल महिलाएं कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से बाहर मेहंदी लगवाने से कतरा रही हैं। 18 सालों से हनुमान मंदिर के पास मेहंदी लगाने वाली राजकुमारी ने बताया कि इस साल वह कोरोना की वजह से बेरोजगार हो गई हैं। उन्होंने कहा कि वह हर साल इस मौके पर 20 से 30 हजार रुपये प्रतिदिन कमा लेती थीं, लेकिन इस साल गिने चुने चंद ग्राहक ही मेहंदी के लिए आ रहे हैं। वहीं, अरुण कुमार ने बताया कि महिलाओं में कोरोना का बहुत डर है, जिस कारण वह मेहंदी नहीं लगवा रही हैं। इसके चलते वह बिल्कुल खाली हो गई हैं और बच्चों का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है।
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हरियाली तीज पर ऐसे करें पूजा
मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखती हैं और माता पार्वती तथा भगवान शिव की पूजा करती हैं। उन्होंने बताया कि सुहागिन महिलाएं स्नान के बाद माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। फिर शिव जी को धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। अंत में गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें। साथ ही समापन के अंत में भगवान शिव की आरती करें।