फैक्ट फाइंडिग कमेटी गठित करेगा डीयू
दिल्ली विश्वविद्यालय नियुक्ति विवाद मामले में कार्यकारी परिषद की आपात बैठक गुरुवार को हुई। डीयू के इतिहास में पहली बार किसी कुलपति के निलंबन के बाद हुई बैठक में कई कड़े फैसले लिए गए। परिषद के सदस्यों ने ध्वनिमत से स्वीकार किया कि नियुक्ति विवाद के तह तक जाने की जरुरत है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली विश्वविद्यालय में कुलसचिव नियुक्ति विवाद मामले में कार्यकारी परिषद की आपात बैठक गुरुवार को हुई। डीयू के इतिहास में पहली बार किसी कुलपति के निलंबन के बाद हुई बैठक में कई कड़े फैसले लिए गए। परिषद के सदस्यों ने ध्वनिमत से एक फैक्ट फाइंडिग कमेटी गठित करने का फैसला किया।
निलंबित कुलपति द्वारा नियुक्त उपकुलपति डॉ. गीता भट को कारण बताओ नोटिस जारी करने व कार्यकारी कुलसचिव नियुक्त प्रो. पीसी झा को जांच होने तक प्रशासनिक उत्तरदायित्व नहीं देने का भी निर्णय हुआ।
कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि बैठक के केंद्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 28 अक्टूबर को जारी नोटिस रहा। इसके अलावा परिषद ने तय किया कि कमेटी तय अवधि में अपनी रिपोर्ट कार्यकारी परिषद को सौंपेगी।
परिषद की बैठक में निलंबित कुलपति प्रो. योगेश कुमार त्यागी द्वारा नियुक्त उपकुलपति डॉ. गीता भट को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया। उन्हें तीन दिन में कार्यकारी कुलपति को जवाब देना होगा।
इसके अलावा कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रो. पीसी झा ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उन्हे ज्वाइंट रजिस्ट्रार ऑफिस से नियुक्ति पत्र मिला था, जिसमें कार्यकारी कुलसचिव नियुक्त किए जाने की सूचना दी गई थी जिसके आधार पर उन्होने अपने दायित्व का निर्वहन किया। इसके साथ ही प्रो. झा ने परिषद को आश्वस्त किया कि वे प्रशासन के सभी निर्णयों का पालन करेंगे।
दयाल सिंह कॉलेज के चेयरपर्सन हटाए गए : कार्यकारी परिषद की बैठक से पहले दयाल सिंह कॉलेज के चेयरपर्सन एवं गवर्निग बॉडी के सदस्य राजीव नयन को उनके पद से हटा दिया गया। राजीव नयन ने कुलपति प्रो. योगेश कुमार त्यागी के समर्थन में दो दिन पहले फेसबुक पोस्ट लिखा था। इसके अलावा कुलपति के ओएसडी डॉ. सुनील कश्यप के खिलाफ भी जांच की की जा रही है।