शताब्दी वर्ष में छात्रों को खुशखबरी देने की तैयारी में डीयू, कुलपति ने दिए ये संकेत
डीयू ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों का कोटा 25 प्रतिशत बढ़ाया है। 2019 में 20 प्रतिशत एवं 2020 में 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई गई थी। इस तरह स्नातक की कुल सीटों का आंकड़ा 65 हजार पहुंच चुका है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय बहुत जल्द अपनी स्थापना के सौ साल पूरा करने वाला है। डीयू का यह सफर तीन कालेजों, 750 छात्रों से शुरू हुआ था। अब डीयू से 90 कालेज संबद्ध हैं और करीब सात लाख छात्र पढ़ते हैं। एनआइआरएफ रैं¨कग में डीयू के कालेजों का दबदबा दिखता है। टाप 100 में तीस कालेज डीयू के हैं। डीयू में दाखिले के लिए देश के लगभग हर कोने से छात्र आवेदन करते हैं। लेकिन सीटें कम होने के कारण बहुतायत छात्रों के दाखिले का सपना टूट जाता है। शताब्दी वर्ष में डीयू सीटें बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि सीटें बढ़ाई जाएंगी। यदि डीयू सीट नहीं बढ़ाएगा तो फिर कौन बढ़ाएगा। डीयू में पढ़ना छात्रों का सपना होता है। ऐसे में कक्षाओं का समय बढ़ाकर सीटें बढ़ाने का विकल्प तलाशा जा रहा है। कुलपति कहते हैं कि सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक कक्षाएं संचालित की जाएं तो भी अधिक छात्रों को दाखिला दिया जा सकता है। इससे कक्षाओं का समुचित उपयोग होगा। प्रशासनिक अधिकारी अपने समय पर आए, सिर्फ शिक्षक एवं छात्रों का समय बदलेगा। सभी कालेजों संग राय मशविरा किया जाएगा।
सुविधाएं भी बढ़ानी पड़ेंगी
डीयू ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों का कोटा 25 प्रतिशत बढ़ाया है। 2019 में 20 प्रतिशत एवं 2020 में 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई गई थी। इस तरह स्नातक की कुल सीटों का आंकड़ा 65 हजार पहुंच चुका है। गत वर्ष स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 2,87,227 छात्रों ने आवेदन किया था। यानी एक सीट पर चार से अधिक छात्र दावेदार थे। कई कालेजों में तय सीटों पर चार गुना से अधिक दाखिले हुए थे। मिरांडा हाउस कालेज में भौतिक विज्ञान की 86 सीट पर 232 और रसायन विज्ञान की 78 सीट पर 184 दाखिले हुए थे।
हिंदू कालेज में राजनीति विज्ञान की 49 सीट पर 146 छात्रों ने दाखिला लिया। दयाल ¨सह कालेज में इतिहास की 77 सीट पर 327 और स्वामी श्रद्धानंद कालेज में बीकाम की 115 सीट पर 444 दाखिले हुए थे। एक प्राचार्य ने बताया कि सीटें बढ़ाने का विचार अच्छा है। लेकिन कालेजों में सुविधाएं बढ़ाने पर भी विचार करना होगा। कालेज पहले ही छात्रों के अधिक बोझ से कराह रहे हैं। अधिक दाखिले के चक्कर में ही कई कालेजों ने सौ प्रतिशत तक कटआफ जारी किया था। कक्षाएं, छात्रावास निर्माण पर ध्यान देने के साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति भी करनी पड़ेगी।
गत वर्ष प्रमुख 10 राज्यों के आवेदन
राज्य--- आवेदन
दिल्ली---1,15,928
उत्तर प्रदेश---55617
हरियाणा--37743
बिहार---16704
राजस्थान---11562
केरल--6380
उत्तराखंड---6072
मध्यप्रदेश--5901
झारखंड---5082
पश्चिम बंगाल---4031