इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाने का डीएसजीपीसी ने किया विरोध
नोट:-पंजाब के लिए भी महत्वपूर्ण -पंजाब का शांत माहौल खराब करना चाहती है सरकार: जीके राज्य ब्
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : युवा कांग्रेस ने लुधियाना में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाने की घोषणा की है। इससे दिल्ली में सिख सियासत गरमा गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने इसका विरोध करते हुए इसे सिख विरोधी कदम करार दिया है। कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि यह कदम ऑपरेशन ब्लू स्टार को जायज ठहराने की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में हजारों बेगुनाहों की हत्या की गई थी। सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों को आज तक इंसाफ नहीं मिला है। हत्या के आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। अब पंजाब में पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा लगाने की घोषणा से लोगों के बीच कड़वाहट बढ़ेगी। इससे शांत पंजाब का माहौल खराब होगा। इसलिए प्रतिमा लगाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित एक पार्क का नाम 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों की याद में रखने की इजाजत नहीं दी गई। नवंबर, 2012 में इसके लिए घोषित कार्यक्रम को दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली पुलिस की मदद से रुकवा दिया था। इसी तरह से पिछले वर्ष जब डीएसजीपीसी ने महरौली में बाबा बंदा सिंह बहादुर की प्रतिमा लगाने की इजाजत मांगी तो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए इजाजत देने से मना कर दिया। यह सिखों के साथ सौतेला व्यवहार है।
उन्होंने कहा कि दंगे में मारे गए सिखों के लिए दिल्ली में दो गज जमीन नहीं दी गई। मजबूरन कमेटी ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में सिख विरोधी दंगे में मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाया है।