सिख विरोधी दंगों की साजिश से अवगत थे राजीव गांधी : जीके
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के बयान से दिल्ली के सिख नेताओं की नाराज
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के बयान से दिल्ली के सिख नेताओं की नाराजगी बढ़ गई है। टाइटलर ने मीडिया में बयान दिया है कि 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उनकी गाड़ी से उत्तरी दिल्ली में घूमकर हालात का जायजा लिया था। इस बयान के बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री से भारत रत्न का खिताब वापस लेने की मांग की है।
डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके और महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित डीएसजीपीसी कार्यालय में प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि टाइटलर के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि राजीव गांधी को सिखों के कत्लेआम की साजिश की पूरी जानकारी थी। यही कारण है कि दिल्ली छावनी में फौज होने के बावजूद तीन दिन बाद मेरठ छावनी से फौज बुलाई गई थी। इन तीन दिनों के दौरान सिखों के जान-माल को भारी नुकसान पहुंचाया गया। जीके ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने उस समय सिख विरोधी दंगों को लेकर दूरदर्शन पर आपत्तिजनक बयान भी दिया था। उन्होंने कहा कि टाइटलर की बातों से लगता है कि वह गांधी परिवार को यह संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं कि यदि उन्हें बचाया नहीं गया तो वह सिख विरोधी दंगों को लेकर सारे राज उजागर कर देंगे। यही कारण है कि 33 वर्षो तक वह चुप रहे। किसी जाच एजेंसी, पुलिस या आयोग के सामने आज तक उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। दिल्ली पुलिस को उन्हें समन भेजकर सारे रिकार्ड की पड़ताल करनी चाहिए। इस मामले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज होना चाहिए। सिरसा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी कमेटी के सामने वह इस मामले को उठाएंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।