अब ड्राइविंग टेस्ट में नहीं होगी चूक की गुंजाइश, पूरी प्रक्रिया होगी स्वचालित
ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा पश्चिम व दक्षिणी-पश्चिम जिले में तीन जगहों पर ऑटोमेटिक टेस्ट ड्राइव ट्रैक बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। इसमें द्वारका, राजा गार्डन और झाड़ौदा कलां शामिल है।
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। दिल्ली में नए साल में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की पूरी प्रक्रिया स्वचालित होने जा रही है। ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा पश्चिम व दक्षिणी-पश्चिम जिले में तीन जगहों पर ऑटोमेटिक टेस्ट ड्राइव ट्रैक बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। इसमें द्वारका, राजा गार्डन और झाड़ौदा कलां शामिल है। पूरी दिल्ली में 11 जगहों पर ऑटोमेटिक टेस्ट ड्राइव ट्रैक बनाने का काम किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा के लिहाज से अधिकारी इसे जरूरी कदम बता रहे हैं। ट्रैक पर दो पहिया व चार पहिया वाहनों के चालकों के परीक्षण की सुविधा होगी।
खास बात यह है कि इससे समय की काफी बचत होगी, क्योंकि परीक्षण से लेकर नतीजे तक अधिकांश कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा। अधिकारियों के अनुसार, अभी कर्नाटक व केरल राज्य में ही इस तरह की सुविधा है। इस ऑटोमेटिक टेस्ट ड्राइव ट्रैक पर सेंसर व कैमरे लगे होंगे, ताकि लाइसेंस परीक्षण के दौरान किसी तरह की चूक की गुंजाइश न रहे, जिससे एक कुशल चालक को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिले।
इस प्रक्रिया से सड़क दुर्घटना के मामले भी कमी आएगी। सड़क पर वाहन चलाते समय आगे-पीछा करना, पार्किंग में वाहन को लगाना, घुमावदार मोड़ पर वाहन की क्या रफ्तार होनी चाहिए, किन-किन सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना जरूरी है, इन सब बातों के आधार पर ही व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएगा। यह करीब एक करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है।
जनवरी में राजा गार्डन में बनकर तैयार हो जाएगा ट्रैक राजा गार्डन में शिवाजी कॉलेज के पास बने डीटीसी टर्मिनल पर ही यह ऑटोमेटिक टेस्ट ड्राइव ट्रैक बनाया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक पिंक लाइन मेट्रो निर्माण के दौरान यह टर्मिनल टूट गया था। इसके अलावा यहां से ज्यादा रूट के लिए बस भी नहीं चलती थी। इस तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यह टर्मिनल डीटीसी से ट्रांसपोर्ट विभाग को सौंपा गया है, ताकि यहां पर ऑटोमेटिक टेस्ट ड्राइव ट्रैक बन सके। अभी जनकपुरी में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की सुविधा थी और परीक्षण के लिए लोगों को कहीं ओर जाना पड़ता था। अब लोगों को काफी सहूलियत होगी।