डीपीसीसी एनओसी होने पर ही होटल लाइसेंस का नवीनीकरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनआ
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की अनिवार्यता के कारण कई बजट होटल व गेस्ट हाउसों का नवीनीकरण नहीं हो पाया है। हर वर्ष मार्च में संचालकों को लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है लेकिन नवीनीकरण में एनओसी की अनिवार्यता का प्रावधान जोड़े जाने के कारण इनकी सांसें अटकी हुई हैं। इस बीच होटल महासंघ ने एनओसी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है।
राजधानी में करीब 1500 बजट होटल और गेस्ट हाउस संचालित होते हैं। इनमें अधिकतर पहाड़गंज, करोल बाग, राजेंद्र नगर, दरियागंज, महिपालपुर इलाके में स्थापित हैं। होटल संचालकों के मुताबिक, उन्हें नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग के अलावा अग्निशमन विभाग से भी लाइसेंस लेना जरूरी है। जहां नगर निगम और पुलिस से हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है, वहीं अग्निशमन विभाग से हर तीन साल पर होता है। दिल्ली पुलिस से नवीनीकरण में डीपीसीसी से भी एनओसी लेना अनिवार्य किया गया है कि उनके प्रतिष्ठान प्रदूषण नहीं फैलाते हैं।
दिल्ली होटल महासंघ के अध्यक्ष अरुण गुप्ता के मुताबिक, डीपीसीसी से एनओसी की अनिवार्यता ने होटल संचालकों की मुसीबत बढ़ा दी है, जबकि डीपीसीसी द्वारा प्रदूषण फैलाने के मामले में एक भी होटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई होटल प्रदूषण फैलाता है तो उस पर सीधी कार्रवाई के विकल्प खुले हैं। गुप्ता ने कहा कि तीनों निकाय अब दो से तीन माह का सशर्त नवीनीकरण कर रहे हैं और कह रहे हैं कि जब तक डीपीसीसी का एनओसी नहीं मिलता तब तक नवीनीकरण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली सरकार से लेकर पर्यावरण विभाग तक को बता चुके हैं कि होटलों और गेस्ट हाउसों के चलते किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता। नवीनीकरण में भी इसका शपथपत्र देते हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। हालत यह कि नवीनीकरण के फॉर्म पुलिस के पास पिछले आठ माह से लंबित पड़े हैं। अब कुछ माह बाद अगले वर्ष के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।