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देश की राजधानी दिल्ली में महापुरुषों की समाधि पर घूमते हैं कुत्ते

शास्त्री जी की समाधि स्थल के अंदर तो साफ-सफाई थी, लेकिन ललिता शास्त्री की समाधि स्थल पर जिस तरह से पत्ते बिखरे पड़े थे, उससे लग रहा था कि वहां कई दिनों से झाड़ू भी नहीं लगी है।

By Edited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 09:18 AM (IST)
देश की राजधानी दिल्ली में महापुरुषों की समाधि पर घूमते हैं कुत्ते
देश की राजधानी दिल्ली में महापुरुषों की समाधि पर घूमते हैं कुत्ते

नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। दिल्ली में विजय घाट स्थित समाधि स्थल क्षेत्र में महापुरुषों का यह कैसा सम्मान है कि उनकी समाधि पर कुत्ते घूमते हैं। समाधियों पर यह भी देखने वाला कोई नहीं है कि आने वाले लोग जूते उतारते भी हैं या नहीं। दैनिक जागरण ने जब रविवार को विजय घाट पर समाधियों के रखरखाव को लेकर की जा रही व्यवस्था का जायजा लिया तो वहां कई कमियां नजर आई। यहां पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा की समाधि है।

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रविवार को उनका जन्मदिन था। सुबह के समय वहा आयोजन हुआ था। समाधि को फूलों से सजाया गया था। मगर अव्यवस्था का आलम यह है कि इस कार्यक्रम के बाद समाधि स्थल पर कोई कर्मचारी तैनात नहीं था। नतीजा यह हुआ कि समाधि के ऊपर एक कुत्ता टहल रहा था। डॉ. शर्मा की समाधि के निकट पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन की समाधि भी है।

इस समाधि स्थल के अंदर भी एक कुत्ता सोया हुआ था। कुत्तों को देखकर वहां आने वाले लोगों का मन आहत हो रहा था। विजय घाट पर ही दूसरे छोर पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की समाधि है। इसी से कुछ दूरी पर उनकी पत्नी ललिता शास्त्री की भी समाधि है।

शास्त्री जी की समाधि स्थल के अंदर तो साफ-सफाई थी, लेकिन ललिता शास्त्री की समाधि स्थल पर जिस तरह से पत्ते बिखरे पड़े थे, उससे लग रहा था कि वहां कई दिनों से झाड़ू भी नहीं लगी है। समाधि स्थल के चारों ओर लगाए गए लाल पत्थरों में से एक स्थान पर पत्थर भी उखड़ रहे थे। यहां उद्यान विभाग से संबंधित समस्याएं भी दिखीं। वहां नवनिर्मित कृत्रिम झील में पानी के बजाय बड़ी-बड़ी घास उगी हुई थी।

एक भाग में घास काटी भी गई थी तो उठाई नहीं गई थी, जबकि समाधि स्थल पर रखरखाव को लेकर केंद्र सरकार प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। इस बारे में समाधि स्थल का रखरखाव करने वाले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी श्याम बाबू ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में कुत्तों की समस्या है।

नगर निगम वालों को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। किसी आयोजन पर कुत्तों को पकड़ने के लिए पुलिस भी नगर निगम के कर्मचारियों को बुलाती है, लेकिन कुत्ते फिर से आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि विजय घाट पर दो कर्मचारी तैनात हैं, यहां जो समस्याएं हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा।


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