जिला न्यायालय आकर सुनवाई कर सकेंगे जज
कोरोना संकट के कारण जिला अदालतों में चार महीने से लंबित चल रहे कामकाज को चार अगस्त से गति मिलेगी।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : कोरोना संकट के कारण जिला अदालतों में चार महीने से लंबित चल रहे कामकाज को चार अगस्त से गति मिलेगी। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से गवाही के मामले में जिरह को छोड़कर अन्य सभी मामलों में सुनवाई करने का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि जिन न्यायिक अधिकारियों के घर पर वीडियो कांफ्रेंसिग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वह अब न्यायालय में अपने चैंबर में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई कर सकते हैं। साथ ही जिन्हें घर से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई करने में परेशानी आ रही है, वह भी अब न्यायालय आकर सुनवाई कर सकते हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि केवल उन्हीं मामलों में प्रत्यक्ष सुनवाई की अनुमति होगी जो अत्यधिक जरूरी हैं। साथ ही जिनमें वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई नहीं हो सकती। वहीं अगर किसी जज को आपराधिक मामले में फैसला सुनाना है तो वह न्यायालय में आकर भी सुनवाई कर सकते हैं। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम सहित अन्य सभी सावधानियां बरतना जरूरी होगा। इस आदेश के बाद अब जल्दी ही कड़कड़डूमा न्यायालय में भी दैनिक कामकाज गति पकड़ेगा। यहां तीन जिलों पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और शाहदरा के जिला न्यायालय हैं।
गौरतलब हो कि पहले से ही न्यायालय में गैरजरूरी मामलों की भी प्रत्यक्ष रूप से ई-फाइलिग शुरू हो चुकी है। वहीं अब गैरजरूरी मामलों की भी सुनवाई की अनुमति मिलने के बाद पिछले चार महीनों से लंबित मामलों की भी सुनवाई शुरू हो जाएगी।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने कहा कि इस आदेश के बाद कामकाज शुरू होने से जो अधिवक्ता आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे, उन्हें राहत मिलेगी। साथ ही 14 अगस्त के बाद और ज्यादा छूट मिलने की उम्मीद है।