Move to Jagran APP

युवा दिमाग को दिशा देना समाज का सामूहिक दायित्व : सिसोदिया

युवा दिमाग को दिशा देना समाज का सामूहिक दायित्व है। यह बात उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टेक महिद्रा फाउंडेशन द्वारा बुधवार को अनलॉकिग माइंड्स कीज टू द लॉकर रूमज् विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। सिसोदिया ने किशोरों के सामने मौजूद चुनौतियों की चर्चा करते हुए जीवन के इन प्रारंभिक एवं सर्वाधिक जटिल वर्षों में पूरे मनोबल के साथ उनसे निपटने के लिए सक्षम बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। वेबिनार में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से शिक्षकों शिक्षाविदों कौंसिलर्स अभिभावकों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 10:02 PM (IST)
युवा दिमाग को दिशा देना समाज का सामूहिक दायित्व : सिसोदिया
युवा दिमाग को दिशा देना समाज का सामूहिक दायित्व : सिसोदिया

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

loksabha election banner

युवा दिमाग को दिशा देना समाज का सामूहिक दायित्व है। यह बात उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टेक महिद्रा फाउंडेशन द्वारा बुधवार को 'अनलॉकिग माइंड्स कीज: टू द लॉकर रूम' विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही।

सिसोदिया ने किशोरों के सामने मौजूद चुनौतियों की चर्चा करते हुए उनसे निपटने के लिए सक्षम बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। सिसोदिया ने लैंगिक भेदभाव की चर्चा करते हुए कहा कि एक लड़की बताती है कि किस तरह प्रतिदिन उसके भाई को घर में हर मामले में ज्यादा महत्व दिया जाता है। भाई को अच्छा भोजन परोसा जाता है जबकि उससे एक लड़की होने के कारण हर चीज में एडजस्ट करने की उम्मीद की जाती है।

बॉक्स

हमारे देश में एक चौथाई बच्चे अवसाद के शिकार

सिसोदिया ने कहा कि हमारे देश में एक चौथाई बच्चे अवसादग्रस्त हैं। यहां तक कि हर घंटे देश में एक बच्चा आत्महत्या कर लेता है। शिक्षा में अच्छा करने के निरंतर दबाव में बच्चे ऐसे कदम उठाने को मजबूर होते हैं। किशोरावस्था किसी व्यक्ति के जीवन के प्रारंभिक वर्ष होते हैं। हार्मोनल परिवर्तन, शैक्षणिक अपेक्षाओं, सहकर्मी दबाव के मामले में किशोरों को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

बॉक्स

उद्यमिता पाठ्यक्रम छात्रों को नए विचारों के साथ आने में करता है मदद

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के 16 लाख छात्रों को स्कूल अपनी कक्षाओं के शुरू होने से पहले माइंडफुलनेस का अभ्यास कराया जा रहा है। हमारे उद्यमिता पाठ्यक्रम के कारण बच्चे रोज नए विचारों के साथ आ रहे हैं। पुराने किस्म की शिक्षा ने हमारे छात्रों को डर में जीने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन उद्यमिता पाठ्यक्रम छात्रों को नए विचारों के साथ आने में मदद करता है, अपने स्वयं के कुछ के साथ अन्वेषण और शुरुआत करता है।

बॉक्स

युवा छात्रों को प्रभावित करता है हैप्पीनेस करिकुलम

सिसोदिया ने कहा कि युवा छात्रों को प्रभावित करने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए हैप्पीनेस करिकुलम चलाया जाता है। इसमें कक्षा नर्सरी से कक्षा 8 तक के लिए माइंडफुलनेस कक्षाएं शामिल हैं। सिसोदिया ने कहा कि किशोर बच्चे हमारे पास आते हैं और हैप्पीनेस करिकुलम के कारण मिले अवसरों के संबंध में शिक्षकों और साथियों के साथ अनुभव साझा करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.