जंतर-मंतर पर फिर सामने आए कैप्टन और सिद्धू में मतभेद
जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह और उनकी सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिदधू के बीच मतभेद खुलकर सामने आए। पंजाब सरकार के कई मंत्रियों विधायक व कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सिद्धू भी कैप्टन के साथ मंच साझा कर रहे थे। अमरिदर से पहले बोलते हुए सिद्धू ने केंद्र के कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि यह तानाशाही सरकार है। यह कानून देश के केवल दो उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली
जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह और उनकी सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मतभेद खुलकर सामने आए। पंजाब सरकार के कई मंत्रियों, विधायक व कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सिद्धू भी कैप्टन के साथ मंच साझा कर रहे थे।
सिद्धू ने केंद्र के कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि यह तानाशाही सरकार है। यह कानून देश के केवल दो उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह उनका गोदाम भरने के लिए है। इस काले कानून से किसानों व गरीबों के सामने भुखमरी की नौबत पैदा हो जाएगी। अपने चुटीले अंदाज में वह जोरदार तरीके से केंद्र सरकार पर बरसे। कहा कि दिल्ली में प्रवेश के दौरान उन्हें यहां आने से भी रोकने की कोशिश हुई, लेकिन वह रुकेंगे नहीं। यह लड़ाई अभी जारी रहेगी।
वहीं, उनके बाद कैप्टन ने अपने संबोधन में कहा कि यहां वह कोई लड़ाई लड़ने नहीं आए हैं। कोई देशविरोधी काम करने नहीं आए हैं। वह किसी उद्योगपति के खिलाफ भी नहीं हैं, बल्कि इस कानून से प्रदेश के 75 फीसद किसानों की बढ़ी दिक्कतों को बताने आए हैं। यह सुनने के बाद मंच पर सिद्धू नाराज दिखे और जैसे ही धरना खत्म हुआ, वह बिना किसी से दुआ-सलाम किए अकेले मंच से निकल गए।