Move to Jagran APP

एक करोड़ बीस लाख की लागत से बना धोबी घाट छह महीने में हुआ जर्जर

झिलमिल इलाके में नगर निगम द्वारा बना धोबीघाट इन दिनों हादसों को न्योता दे रहा है। नगर निगम द्वारा एक करोड़ बीस लाख की लागत से धोबीघाट महज छह महीनें में ही दम तोड़ने लगा है। नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। धोबी घाट परिसर का फर्श कई स्थानों से धंस गया है, कई जगह परिसर की दीवारों पर दरारे आ गई है। कर्मचारियों ने कहा कि कपड़े धुलाई करने में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। संबंधित विभाग से शिकायत की जाती है लेकिन शिकायत के बाद धंसे हिस्से की मरम्मत नहीं होती है। धोबी सभा के अध्यक्ष सतीश कुमार चौहान ने बताया कि धोबीघाट महज छह महीनें पहले नगर निगम द्वारा बनवाया गया था। परिसर के कई जगह पर पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसके कारण परिसर का फर्श जगह-जगह से धंस गया है। धोबीघाट में कपड़े धोने के लिए बनाए गए वा¨शग प्लांट भी दोयम दर्जे का है जो

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 08:36 PM (IST)
एक करोड़ बीस लाख की लागत से बना धोबी घाट छह महीने में हुआ जर्जर
एक करोड़ बीस लाख की लागत से बना धोबी घाट छह महीने में हुआ जर्जर

पुष्पेंद्र कुमार, पूर्वी दिल्ली : झिलमिल इलाके में नगर निगम की ओर से एक करोड़ बीस लाख की लागत से बनाया गया धोबी घाट छह महीने में ही दम तोड़ने लगा है। निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है। धोबी घाट परिसर का फर्श कई जगहों पर धंस गया है और दीवारों पर दरारें आ गई है। कर्मचारियों ने कहा कि कपड़ों की धुलाई करने में परेशानियां उठानी पड़ रही है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक धंसे हिस्से की मरम्मत नहीं की गई है।

loksabha election banner

धोबी सभा के अध्यक्ष सतीश कुमार चौहान ने बताया कि यह घाट छह महीने पहले ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनवाया गया था। परिसर में कई जगहों पर जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई, जिस कारण परिसर का फर्श जगह-जगह धंस गया है। धोबी घाट में कपड़े धोने के लिए बनाए गए वॉशिंग प्लांट भी दोयम दर्जे का है, जो कभी चलता है तो कभी बंद हो जाता है। काफी समय से यह प्लांट बंद पड़ा है। बरसात के बाद परिसर की छत पर पानी भर जाता है। छत पर जमे पानी के कारण डेंगू व मलेरिया फैलने का खतरा बना रहता है। छत पर पानी रुकने के कारण कई दीवारों में सीलन व दरारें आ गई।

उन्होंने कहा कि धोबी घाट की पुरानी दीवार ऊंची कर उसके ऊपर कंक्रीट का प्लास्टर कर दिया। निगम द्वारा करीब एक करोड़ की लागत से तैयार यह घाट महज छह महीने में दम तोड़ने लाग है। इसकी स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने धोबी घाट के भवन को बनाने के लिए घटिया सामग्री का प्रयोग किया है। इस संबंध में जब शाहदरा दक्षिणी जोन के चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने सवाल का जवाब नहीं दिया। कोट

इस समस्या को लेकर धोबी सभा के अध्यक्ष की शिकायत आई थी। इसके बाद घाट का दौरा किया और समस्या को संज्ञान में लेकर शाहदरा दक्षिणी जोन के निगम अधिकारियों को समाधान करने के निर्देश दिए। उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

गीतिका पंकज लूथरा, पार्षद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.