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हैदराबाद की कंपनी कल से करेगी कैट्स एंबुलेंस का संचालन

कैट्स एंबुलेंस के परिचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रही मौजूदा निजी कंपनी का दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से अनुबंध सिर्फ रविवार तक है। इसके बाद वह संचालन की जिम्मेदारी से हटा दी जाएगी। अब स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी कंपनी को कैट्स एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है जो सोमवार से एंबुलेंस के परिचालन की जिम्मेदारी संभाल लेगी। लेकिन कैट्स एंबुलेंस सेवा पर पहले के मुकाबले परिचाल के खर्च का बोझ बढ़ जाएगा। क्योंकि नई कंपनी को प्रति एंबुलेंस 27.74 फीसद अधिक भुगतान किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 06:38 AM (IST)
हैदराबाद की कंपनी कल से करेगी कैट्स एंबुलेंस का संचालन
हैदराबाद की कंपनी कल से करेगी कैट्स एंबुलेंस का संचालन

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

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कैट्स एंबुलेंस के परिचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रही मौजूदा निजी कंपनी का दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से अनुबंध रविवार को समाप्त हो रहा है। सोमवार से यह जिम्मेदारी हैदराबाद की एक निजी कंपनी संभालेगी। इसके साथ ही कैट्स एंबुलेंस के संचालन पर होने वाला खर्च भी बढ़ जाएगा। दरअसल नई कंपनी को प्रति एंबुलेंस 27.74 फीसद अधिक भुगतान किया जाएगा।

कैट्स एंबुलेंस सेवा के बेड़े में 263 एंबुलेंस हैं। इसमें 31 एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट), 108 बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) व 124 सामान्य एंबुलेंस हैं। वर्ष 2015 में स्वास्थ्य विभाग ने कैट्स एंबुलेंस सेवा के परिचालन व रखरखाव निजी कंपनी से कराने का निर्णय लिया था। इसके बाद एक जुलाई 2016 से बीवीजी-यूकेएसएएस ईएमएस नामक कंपनी को परिचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। इसे प्रति एंबुलेंस करीब एक लाख 55 हजार रुपये प्रति माह भुगतान किया जा रहा था।

इसमें कर्मचारियों का वेतन, एंबुलेंस के परिचालन व रखरखाव का खर्च शामिल है। एंबुलेंस के परिचालन में लापरवाही पाए जाने पर कैट्स एंबुलेंस सेवा की गवर्निग बॉडी कंपनी को हटाने और एंबुलेंस का परिचालन कैट्स एंबुलेंस सेवा द्वारा खुद करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा एंबुलेंस के परिचालन को लेकर कई और भी विवाद हुए। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने फरवरी में दूसरी कंपनी की तलाश शुरू की थी। कैट्स एंबुलेंस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद की एक नई कंपनी को तीन साल के लिए परिचालन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एक जुलाई से यह कंपनी कैट्स एंबुलेंस का परिचालन करेगी।

13 करोड़ 57 लाख का बढ़ेगा आर्थिक बोझ

नई कंपनी को परिचालन की जिम्मेदारी देने से करीब 13 करोड़ 57 लाख रुपये का आर्थिक बोझ बढ़ेगा। दरअसल नई कंपनी को प्रति एंबुलेंस हर माह एक लाख 98 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा, जो पहले के मुकाबले करीब 43,000 रुपये ज्यादा है। इस तरह 263 एंबुलेंस के परिचालन पर एक साल में 62 करोड़ 48 लाख 88 हजार का खर्च आएगा, जो पहले के मुकाबले करीब 13 करोड़ 57 लाख रुपये ज्यादा है। कैट्स एंबुलेंस सेवा के अधिकारी के मुताबिक कर्मचारियों के न्यूनतम वेतनमान के अलावा कुछ और भी खर्चे बढ़े हैं। इसलिए परिचालन का खर्च बढ़ाया गया है।


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