मां के दर्शन के बाद भक्त ले रहे चाय और चिप्स का प्रसाद
झंडेवाला देवी मंदिर में इन दिनों दिल्ली समेत एनसीआर से आकर लोग मां भगवती के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर में रोजाना मां के अलग-अलग स्वरूप का पूजन किया जा रहा है। बुधवार को स्कंद माता की पूजा की गई। भक्तों ने मंदिर में आकर शारीरिक दूरी के साथ पहले मां के दर्शन किए। इसके बाद भक्तों ने बाहर जाकर चाय चिप्स और व्रत वाले आलू का प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर समिति की ओर से रोजाना सील पैक प्रसाद वितरित किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : झंडेवाला देवी मंदिर में इन दिनों दिल्ली समेत एनसीआर से आकर लोग मां भगवती के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर में रोजाना मां के अलग-अलग स्वरूप का पूजन किया जा रहा है। स्कंद माता की पूजा बुधवार को हुई। भक्तों ने मंदिर में आकर शारीरिक दूरी के साथ पहले मां के दर्शन किए। इसके बाद भक्तों ने बाहर जाकर चाय, चिप्स और व्रत वाले आलू का प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर समिति की ओर से रोजाना सील पैक प्रसाद वितरित किया जा रहा है।
झंडेवाला देवी मंदिर के प्रबंधक रविद्र गोयल ने बताया कि पांचवे दिन बुधवार को स्कंद माता की पूजा की गई। मां झंडेवाली का स्कंद माता के रूप में ही श्रृंगार किया गया। उन्होंने बताया कि मां के इस स्वरूप को कुमार कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मां चतुर्भुजी मयूर वाहन पर सवार होती हैं। इसके चलते मां को मयूरवाहन के नाम से भी जाना जाता है। माता की उपासना से भक्तों की समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में रोजाना हजारों भक्त आकर दर्शन कर रहे हैं। इस दौरान सरकार के सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। वहीं, मंदिर से बाहर जाने वाले भक्तों को पहले सील पैक प्रसाद किया जाता है, जिसमें व्रत वाले आलू और मिश्री शामिल होता है। इसके बाद मंदिर परिसर के बाहर भक्तों को शारीरिक दूरी के साथ चाय, चिप्स, बिस्किट, ब्रेड आदि भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है। मंदिर में इन दिनों रोजाना 100 किलो से अधिक आलू के चिप्स तैयार किए जाते हैं, जो सेवादारों और भक्तों को प्रसाद में सुबह से शाम तक लगातार बांटे जाते हैं।
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सुबह चार बजे से ही ऑनलाइन भक्त लेते हैं दर्शन
प्रबंधक ने बताया कि मंदिर से ऑनलाइन दर्शन लगातार किए जा रहे हैं। सुबह चार बजे से लेकर रात 12 बजे तक सीधा प्रसारण मंदिर दरबार और परिसर से किया जा रहा है, जिसमें हजारों भक्त रोजाना जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक फेसबुक और यूट्यूब पर भक्त का दीदार कर रहे हैं। ऑनलाइन दर्शन करने वाले अधिकतर भक्तों में बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं।