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हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए घातक हैं डेंगू

फोर्टिस हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक अध्ययन मेंं यह बात सामने आई है कि जिन लोगोंं को पहले से हृदय की बीमारी नहींं है, डेंंगू होने पर उनके हृदय गति मेंं भी बदलाव आ जाता है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 08:57 PM (IST)
हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए घातक हैं डेंगू

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। डेंंगू से राजधानी मेंं हर साल सैकड़ोंं लोग पीड़ित होते हैं। इस बार भी डेंंगू का प्रकोप फैला हुआ है। ऐसे मेंं हृदय की बीमारियोंं से पीड़ित लोगोंं को अपना विशेष ध्यान रखना होगा। फोर्टिस हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक अध्ययन मेंं यह बात सामने आई है कि जिन लोगोंं को पहले से हृदय की बीमारी नहींं है, डेंंगू होने पर उनके हृदय गति मेंं भी बदलाव आ जाता है। किसी की हृदय गति बढ़ जाती है तो किसी की कम हो जाती है।

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अध्ययन के दौरान करीब 50 फीसद मरीजो की हृदय गति मेंं इस तरह परिवर्तन देखा गया। ऐसे मेंं डॉक्टरोंं का कहना है कि हृदय के मरीजोंं के लिए डेंंगू घातक साबित हो सकता है। इसलिए हृदय के मरीजोंं को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

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फोर्टिस के डॉक्टरोंं ने डेंंगू से पीड़ित 150 मरीजोंं पर यह अध्ययन किया है। जांच मेंं उन सभी मरीजोंं मेंं डेगू की पुष्टि हुई थी। हृदय पर डेंंगू के प्रभाव का आकलन करने के लिए उन सभी मरीजोंं की ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ) और इकोकार्डियोग्राफ (ईसीएचओ) जांच की गई। जांच मेंं पाया गया कि 50 फीसद मरीजोंं के ईसीजी मेंं बदलाव देखा गया।

फोर्टिस हेल्थकेयर के क्लिनिकल रिसर्च व एकेडमिक डीन एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. उपेंंद्र कौल ने कहा कि ईसीजी मेंं बदलाव का मतलब है कि मरीजोंं की हृदय गति तेज हो जाती है या कई मरीजोंं मेंं हृदय गति 60 बिट्स प्रति मिनट से कम हो जाती है। 31 फीसद मरीजोंं के हृदय के वेट्रिकल मेंं कड़ापन देखा गया। उसमेंं रक्त आपूर्ति ठीक से नहींं हो पा रही थी। इसलिए वेट्रिकल ठीक से काम नहींं कर रहा था। हालांकि उचित इलाज के बाद परेशानियां दूर हो गईं।

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कौल ने कहा कि इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि डेंंगू के चलते भर्ती किए गए मरीजोंं को बुखार के साथ-साथ सीने मेंं परेशानी, सांस तेज चलने व थकान की समस्या हो तो ईसीजी व इको जांच भी करा लेनी चाहिए। ताकि हृदय प्रभावित न होने पाए। उन्होंंने कहा कि यदि किसी को पहले से हृदय की कोई बीमारी हो तो मच्छरोंं से बचने का पूरा इंतजाम करना चाहिए।


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