आम बजट में भी जताई गई दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण की चिंता
-वित्त मंत्री ने की पराली के धुएं के लिए विशेष योजना की घोषणा -दिल्ली, हरियाणा, पंजाब
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : संसद के बाद अब केंद्र के बजट में भी दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण पर चिंता जताई गई है। इस समस्या के निदान की दिशा में विशेष कार्ययोजना की घोषणा भी की गई है। इस कार्ययोजना की विस्तृत रूपरेखा बाद में स्पष्ट की जाएगी। इस योजना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वयं की।
बृहस्पतिवार को बजट प्रस्तुत करते हुए जेटली ने कहा कि दिल्ली एनसीआर के वायु प्रदूषण खासकर पराली के धुएं से निपटने के लिए जल्द ही विशेष योजना लाई जाएगी। इसके क्रियान्वयन में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग भी लिया जाएगा। योजना के अंतर्गत किसानों को पराली या फसलों के अवशेष निपटाने के विकल्प दिए जाएंगे, जिससे पराली जलाने की नौबत न आए। इन विकल्पों में पराली से बिजली व बायोगैस बनाए जाने का विकल्प भी शामिल है।
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अक्टूबर और नवंबर माह के दौरान बडे़ पैमाने पर पराली जलाई जाती है। पराली का धुआं दिल्ली तक आता है और यहां की हवा को प्रदूषित करता है। आलम यह है कि गत दो साल से सर्दी के मौसम में दिल्ली गैस चैंबर बन रही है।
चार दिन पहले ही जारी की गई एक रिपोर्ट में ग्रीनपीस इंडिया ने भी दिल्ली को देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बताया है। इस सूची में हरियाणा के फरीदाबाद को दूसरा और राजस्थान के भिवाड़ी को तीसरा स्थान दिया है। यह दोनों शहर भी एनसीआर के हिस्सा हैं। जानकारों के मुताबिक दिल्ली- एनसीआर के वायु प्रदूषण में वाहनों का धुआं और भवन निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल का भी काफी बड़ा हिस्सा रहता है, लेकिन सर्दी के मौसम में पराली का धुआं तात्कालिक स्तर पर दिल्ली को गैस चैंबर बनाने की सबसे बड़ी वजह बनता है।
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दैनिक जागरण के सतत प्रयास का नतीजा
दैनिक जागरण दिल्ली-एनसीआर के पूरे इलाके में वायु व जल प्रदूषण को लेकर लंबे समय से समाचारीय अभियान का संचालन करता रहा है। खासकर दिल्ली में प्रदूषण की लाइलाज दिख रही प्रदूषण की समस्या को लेकर दैनिक जागरण ने समय-समय पर केंद्र व संबंधित राज्य सरकारों को सचेत करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया है। अभी बीते दिनों स्मॉग का संकट पूरे दिल्ली- एनसीआर को अपनी चपेट में लिए हुए था, तब इस समस्या पर कई तथ्यपरक खबरें प्रकाशित की गईं और पराली से हो रही परेशानी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बजट में वित्त मंत्री की घोषणा को दैनिक जागरण के इस सतत प्रयास का नतीजा माना जा सकता है।