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    राजधानी में घटे वाहन चोरी के मामले, इस साल 11 प्रतिशत की गिरावट; रिकवरी दर में भी 21% की बढ़ोतरी

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 04:00 AM (IST)

    दिल्ली में वाहन चोरी के मामलों में इस साल 11% की गिरावट आई है। पुलिस के प्रयासों से चोरी की घटनाओं में कमी आई है। इसके अतिरिक्त, चोरी हुए वाहनों की रि ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में वाहन चोरी भी हमेशा से बड़ी समस्या रही है। क्योंकि हर दिन दिल्ली से तकरीबन 120 वाहन चोरी होते थे लेकिन इस साल राजधानी में वाहन चोरी के मामलों में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले साल साढे दस माह में राजधानी में कुल 34,789 वाहन चोरी हुए थे।

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    इस साल इस अवधि के दौरान कुल 30,976 वाहन चोरी हुए। इस साल चोरी के वाहनों की रिकवरी दर में भी करीब 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल चोरी हुए वाहनों में 5611 वाहन बरामद किए जबकि इस साल 6789 चोरी के वाहन बरामद किए गए।

    दिल्ली पुलिस के आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली में पिछले साल तक हर दिन पूरी दिल्ली से तकरीबन 110 से 120 वाहन चोरी हुए थे। चोरी के बढ़ते मामले को देखते हुए पुलिस ने कई रणनीतिक फैसले लिए जिससे इस साल चोरी के मामलों पर कुछ हद तक अंकुश लगाने में पुलिस कामयाब हुई। जिसे अब राेज पूरी दिल्ली से तकरीबन 70-80 वाहन चोरी हो रहे हैं।

    पुलिस अधिकारी का दावा है कि आने वाले समय में दिल्ली की सभी सीमाओं पर और अधिक चौकसी बढ़ाई जाएगी, अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिससे वाहन चोरी के मामले में और अधिक कमी आएगी।

    BNS और मकोका के तहत हो रही कार्रवाई

    क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि वाहन चोरी रोकने के लिए अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर सिंडिकेट के खिलाफ मकोका और बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत लगातार कार्रवाई की गई। दर्जनों ऐसे सिंडिकेट की पहचान की गई जो लंबे समय से दिल्ली व पड़ोसी राज्यों में वाहन चोरी के धंधे में लिप्त थे।

    इस संगठित अपराध के जरिये सिंडिकेट ने काफी संपत्ति अर्जित की। इस तरह के सिंडिकेट पर नकेल कसने के लिए उनपर मकोका लगाया गया। मकोका के तहत उन्हेें गिरफ्तार कर जेल भेजे गए ताकि एक साल से पहले उन्हें जमानत न मिल सके। वाहन चोरी करने वाले अपराधियों की पहचान के लिए अलग-अलग डाटाबेस और टूल्स का इस्तेमाल किया गया।

    CCTV कैमरों से नजर

    शहर में ऐसे जगहों पर ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जहां से बीते वर्षों में चोेरी के अधिक मामले सामने आए। वाहन चोरों की पहचान के लिए कई जगहों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) वाले कैमरे भी लगाए गए। स्वचालित नंबर प्लेट पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाला यह तकनीक आप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन का उपयोग करके वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन और पहचानता है।

    सभी जिला पुलिस अपने-अपने इलाके में लगातार वाहनों की चेकिंग करती रही। सभी थाना पुलिस को वाहन चोरों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए। मुख्यालय से नियमित तौर पर सभी जिला पुलिस से वाहन चोरों के बारे में रिपोर्ट मांगी गई। जिला पुलिस ने समन्वय बनाकर काम किया साथ ही पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ भी बेहतर कोआर्डिनेशन बनाकर वाहन चोरों के खिलाफ धर पकड़ की कार्रवाई की गई।

    2024 में चोरी हुए और बरामद वाहनों की संख्या

    वाहन चोरी हुए वाहन बरामद वाहन
    बाइक 18870 2890
    स्कूटी 9142 1781
    कार 4446 588
    टैक्सी 18 1
    ऑटो रिक्शा 345 58
    बस 8 1
    ट्रक 411 65
    टैम्पो 180 26
    ई-रिक्शा 645 107
    अन्य वाहन 726 116
    कुल 34789 5611

    2025 में चोरी हुए और बरामद वाहनों की संख्या

    वाहन चोरी हुए वाहन बरामद वाहन
    बाइक 16871 3682
    स्कूटी 8201 2244
    कार 4004 529
    टैक्सी 5 0
    ऑटो रिक्शा 286 62
    बस 2 0
    ट्रक 337 40
    टैम्पो 176 31
    ई-रिक्शा 865 154
    अन्य वाहन 229 27
    कुल 30976 6769