शिक्षा मंत्रालय ने कुलपति के फैसलों को पलटा, कार्यकारी कुलपति बहाल
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में बुधवार को कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर पूरे दिन मचे घमासान के बाद बृहस्पतिवार को प्रो पीसी जोशी की कार्यकारी कुलपति पद से जहां छुट्टी कर दी गई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद में बृहस्पतिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भी उतर आया। मंत्रालय के उपसचिव वीरेंद्र कुमार सिंह ने एक नोटिस जारी कर कहा कि कुलपति चिकित्सकीय अवकाश पर हैं। अवकाश के दौरान उनके द्वारा जारी कोई भी आदेश मान्य नहीं है और जब तक कुलपति आधिकारिक रूप से कार्यालय नहीं पहुंच जाते डीयू प्रशासन को उनके आदेशों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है। यदि कुलपति कार्यालय आना चाहते हैं तो उन्हें पहले मेडिकल फिटनेस सíटफिकेट जमा करना होगा।
शिक्षा मंत्रालय की तरफ से कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता को भेजे गए नोटिस में स्पष्ट किया गया कि कार्यकारी कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने मंत्रालय को 21 अक्टूबर को बताया कि कुलपति चिकित्सकीय अवकाश पर हैं, फिर भी न तो प्रो. पीसी जोशी को कार्यभार सौंप रहे हैं और ही खुद भी कार्यालय नहीं आना चाहते। चूंकि कुलपति आधिकारिक रूप से विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं हैं, लिहाजा उनकी अनुपस्थिति में कार्यकारी कुलपति के तौर पर प्रो. पीसी जोशी को कुलपति की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी।
असल में विवाद की शुरुआत कुलपति योगेश त्यागी द्वारा बुधवार को प्रो. पीसी झा को कुलसचिव नियुक्त किए जाने की सूचना जारी करने से हुई। यह सूचना कुछ देर के लिए वेबसाइट पर दिखी इसके बाद उठापटक का दौर शुरू हो गया।
कुलपति का फरमान : बुधवार को कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर पूरे दिन मचे घमासान के बाद बृहस्पतिवार को कुलपति प्रो. योगेश त्यागी ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि डीयू एक्ट, 1922 के 11 जी (4) प्रावधानों के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की निदेशक डॉ. गीता भट को प्रो. पीसी जोशी की जगह कार्यकारी कुलपति नियुक्त किया जाता है। पदभार ग्रहण करने के महज कुछ घंटे के अंदर ही एक आदेश जारी कर डॉ. गीता भट ने प्रो. पीसी जोशी की तरफ से कार्यकारी कुलपति के तौर पर लिए सभी फैसलों को अमान्य घोषित कर दिया। ऐसे चला विवाद
-10 अक्टूबर को कुलसचिव पद के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी हुई
- 20 अक्टूबर को यूजीसी के साथ कुलपति की ऑनलाइन बैठक हुई
- 21 अक्टूबर- सुबह दस बजे प्रो. पीसी झा को कुलसचिव नियुक्ति करने की सूचना दी गई
- 11 बजे तक सूचना को वेबसाइट से हटा लिया गया
- कार्यकारी कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने पीसी झा की नियुक्ति पर सवाल उठाया
- गुरुवार सुबह कार्यकारी परिषद की तरफ से डॉ. विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्ति करने की सूचना जारी की गई
- प्रो. पीसी झा ने कार्यकारी परिषद के फैसले को गैरकानूनी करार दिया
- कार्यकारी कुलपति ने डीयू कर्मचारियों को प्रो. पीसी झा का आदेश नहीं मानने को कहा
- कुलपति योगेश त्यागी ने प्रो. जोशी को कार्यमुक्त कर दिया और डॉ. गीता भट को कार्यकारी कुलपति नियुक्त कर दिया कुछ लोगों ने पद के लालच में डीयू की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। यह पूरी तरह से गैरजरूरी और डीयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की छवि को खराब करने वाला घटनाक्रम है। बेहतर होता जबरन कुर्सियां कब्जाने की कोशिश के बजाय शिक्षा व छात्र हितों के लिए प्रयास किए जाएं।
राजेश झा, सचिव एएडी
(एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट)
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