अंकिव मामले की जांच को डीयू ने मांगा समय
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री मामले
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री मामले में सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। यह याचिका नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) की तरफ से दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान डीयू ने जाच के लिए कोर्ट से एक सप्ताह का और समय मागा। अब अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। उधर, कई छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन भाजपा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दबाव में काम कर रही है। यही वजह है कि डूसू चुनाव के नतीजे आने के दो महीने बाद भी फर्जी डिग्री की जाच का मामला सुलझाया नहीं जा सका है।
इसी हफ्ते जांच को तमिलनाडु जा सकते हैं प्रो. सराओ : अंकिव मामले की जांच कर रहे डीयू के बुद्धिस्ट विभाग के प्रमुख प्रो. केटीएस सराओ ने कहा कि तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सेंथिल कुमार से उनकी बातचीत हुई है। वह जल्द ही अधिकारिक तौर पर उन्हें अंकिव मामले की रिपोर्ट भेजेंगे। जरूरत पड़ने पर वह भी इसी हफ्ते तमिलनाडु जांच के लिए जा सकते हैं। एनएसयूआइ, आइसा, सीवाइएसएस ने उठाए सवाल
एनएसयूआइ के दिल्ली मीडिया प्रभारी मोहम्मद अली ने बताया कि हमें कोर्ट पर पूरा विश्वास है। उम्मीद करते हैं कि 20 नवंबर को अंकिव की डिग्री का सच सामने आ जाएगा। अखिल भारतीय छात्रसंघ (आइसा) की छात्र नेता कंवलप्रीत कौर ने आरोप लगाया कि डीयू प्रशासन एक रणनीति के तहत 12 नवंबर तक मामले को लटका रखा था। वहीं, आप की छात्र इकाई सीवाइएसएस ने भी डीयू प्रशासन पर सवाल उठाए। एबीवीपी ने कहा, डीयू प्रशासन के सहयोग को तैयार
एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा कि आइसा और एनएसयूआइ के सदस्य गलत आरोप लगा रहे हैं। हम डीयू प्रशासन का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। अगर प्रशासन की तरफ से डिग्री मामले में सत्यापन में देरी हो रही है तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।