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शिक्षा प्रणाली में भारत की प्राचीन परंपराएं शामिल करें: दलाई लामा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि विश्व की समस्याओं के हल में म

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 11:03 PM (IST)
शिक्षा प्रणाली में भारत की प्राचीन परंपराएं शामिल करें: दलाई लामा
शिक्षा प्रणाली में भारत की प्राचीन परंपराएं शामिल करें: दलाई लामा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि विश्व की समस्याओं के हल में मदद के लिए आधुनिक शिक्षा को प्राचीन परंपराओं से जोड़ने की भारत में योग्यता है। इससे युद्ध और ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों से निपटने में मदद मिलेगी। वह यहा वैश्विक शाति एवं सौहार्द को बढ़ावा देने में नैतिकता व संस्कृति की भूमिका पर व्याख्यान दे रहे थे। यह कार्यक्रम नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय और 1978 में स्थापित गैर-राजनीतिक संगठन अंतरराष्ट्रीय साहित्य परिषद ने किया था।

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उन्होंने प्राचीन भारतीय परंपराओं का पुनरूद्धार करने और उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ एकीकृत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक प्रणाली में प्राचीन भारतीय परंपराओं को शामिल करने के बारे में गंभीर चर्चा शुरू होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता की महानता उसका आध्यात्मिक भाईचारा और सद्भाव है। उसने महानतम दार्शनिकों और उपदेशकों को जन्म दिया है। जिसकी वजह से कारण और तार्किक निष्कर्ष पर आधारित बौद्ध धर्म की नालंदा परंपरा आगे बढ़ी। तिब्बती बौद्ध धर्म में शामिल कई बातें नालंदा के शिक्षकों और परंपराओं से आई हैं। नालंदा अपने बौद्ध स्थलों और स्मारकों के लिए मशहूर है।


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