वैट दर घटाने को लेकर पेट्रोल पंप संचालकों ने बढ़ाया दबाव
- दिल्ली सरकार पेट्रोल पर 22 रुपये तो डीजल पर 10 रुपये वसूलती है वैट जागरण संवाददाता, नई दि
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:
केंद्र सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती के साथ ही पड़ोसी राज्यों में वैट दरों में कटौती ने राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंप संचालकों को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि पड़ोसी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम 5 रुपये तक कम हो गए हैं, वहीं दिल्ली में 2.5 रुपये की कमी आई है। इससे दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) के प्रवक्ता निशिथ गोयल के मुताबिक, वाहन मालिकों के लिए नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, चंडीगढ़ जैसे शहरों से पेट्रोल-डीजल भरवाना फायदे का सौदा होगा। इस कारण पड़ोसी राज्यों से पेट्रो पदार्थो की तस्करी शुरू हो जाएगी, जिसका नुकसान पेट्रोल पंप संचालकों के साथ राज्य सरकार को भी उठाना पड़ेगा।
पेट्रो पदार्थो की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रो पदार्थो के उत्पाद शुल्क में कटौती की है, जिससे पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में 2.5 रुपये की कमी आई है। वहीं, हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश ने भी वैट दरों में 2.5 रुपये की कटौती की है। इस प्रकार उन राज्यों के उपभोक्ताओं को सीधे 5 रुपये की राहत मिली है, जबकि दिल्ली सरकार ने खबर लिखे जाने तक वैट कटौती पर कोई फैसला नहीं लिया है, जिससे उपभोक्ताओं के साथ ही पेट्रोल पंप संचालक सांसत में हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से पेट्रोल पर 27 फीसद तो डीजल पर 16.75 फीसद वैट वसूला जाता है। दिल्ली में बृहस्पतिवार को पेट्रोल 83.85 रुपये रहा। इस प्रकार पेट्रोल पर करीब 22.5 रुपये तो डीजल पर करीब 10 रुपये लेकर दिल्ली सरकार अपने खजाने में डाल रही है। डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने दिल्ली सरकार से आग्रह करते हुए आश्वस्त किया कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कम वैट का राजस्व संग्रह पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।