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    मर्सिडीज हादसा केस में गहराता रहस्य: चंडीगढ़ में साइबर कैफे के नंबर पर पंजीकृत है गाड़ी, जमानत पर उठे सवाल

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 11:37 PM (IST)

    दिल्ली में मर्सिडीज हादसे से जुड़ा मामला गहराता जा रहा है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन चेडीगड़ के एक साइबर कैफे के नाम पर होने से कई सवाल उठ रहे हैं। इस खुलास ...और पढ़ें

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    नेल्सन मंडेला मार्ग पर डीएलएफ माल के सामने दुर्घटनाग्रस्त मर्सिडीज एएमजी जी-63 कार। जागरण

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। वसंत कुंज उत्तर थाना क्षेत्र स्थित एंबियंस माल के पास रविवार रात एक युवक की जान लेने वाली और दो लोगों को टक्कर मारकर घायल करने वाली मर्सिडीज एएमजी जी-63 कार मामले में कई झोल सामने आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक कार आरोपित शिवम के दोस्त अभिषेक कपूर की कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है।

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    इसका पता तो कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में अभिषेक की कंपनी का है, पर पौने तीन करोड़ की इस गाड़ी के दस्तावेज में दर्ज मोबाइल नंबर चंडीगढ़ के एक साइबर कैफे का निकला। पंजीकृत नंबर पर फोन करने वाले पर इंश्योरेंस का काम करने वाले कैफे संचालक ने अभिषेक से किसी भी प्रकार का संपर्क होने से साफ इनकार कर दिया।

    वहीं अगले ही दिन आरोपित को जमानत मिलने को लेकर पीड़ित परिवार ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं।

    चमोली में हुआ दाह संस्कार

    परिवार ने उत्तराखंड के बेराधर, चमोली में मंगलवार को रोहित का दाह संस्कार किया। रिश्तेदार हेमंत बिष्ट ने कहा कि आरोपित को इतनी जल्दी जमानत मिलने से हम सब हैरान हैं। दाह संस्कार की पूरी प्रक्रिया के बाद पिता यशवंत सिंह दिल्ली आकर जरूरी कानूनी कदम उठाएंगे। हेमंत बिष्ट का घिटोरनी के पास आफिस फर्नीचर का शोरूम है। वे बताते हैं कि दस महीने पहले ही वह काम के लिए दिल्ली आया था।

    वसंत कुंज में गांव के कुछ लोग रहते हैं, उनके जरिए एंबियंस माल स्थित पाल रेस्तरां में रसोइये का काम करने लगा। रोहित की मां पिछले कई वर्षों से बीमार रहती हैं और पिता मजदूरी करते हैं। मां की मदद के लिए परिवार रोहित की शादी कराने वाला था। रिश्ते देखे जा रहे थे। जनवरी में रोहित भी रिश्ता देखकर पक्का करने के लिए गांव जाने वाला था। पर इस हादसे ने परिवार से एक झटके में सब छीन लिया।

    जमानत पर सवाल

    वहीं जिसने एक पूरे परिवार को इस हालत पर लाकर खड़ा कर दिया, उसे अगले ही दिन जमानत मिल गई। उसका तो कुछ नहीं बिगड़ा। गाड़ी का इंश्योरेंस मिल जाएगा, चोट उन्हें आयी नहीं। इधर, एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक मामले में पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया।

    बीएनएस की धारा 106 (1) (लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए मौत का कारण बनना), 285 (सार्वजनिक रास्ते में खतरा या बाधा बनना) व 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत एफआइआर दर्ज किया गया। ये सभी धाराएं जमानती हैं, कानून के तहत ही उसे सोमवार को जमानत मिली।

    भागने पर बढ़ जाती मुश्किलें

    वहीं यदि घटना के बाद आरोपित चालक मौके से भाग जाता तब हिट एंड रन में बीएनएस की धारा 106 (2) (लापरवाही या तेज ड्राइविंग से हुई दुर्घटना के बाद बिना सूचना दुर्घटना स्थल से भाग जाना) लगती, जो गैरजमानती है। हालांकि कार की आरसी में दर्ज चंडीगढ़ के नंबर को पुलिस अधिकारी ने जांच के बाहर का विषय बताया।

    दिल्ली-एनसीआर के कार डीलर संजय यादव बताते हैं कि कार पंजीयन के समय यह संबंधित कंपनी के किसी कर्मचारी का नंबर रहा होगा, जो बाद में बंद हो गया। वही नंबर चंडीगढ़ के साइबर कैफे संचालक के नाम पर अब सक्रिय है। जबकि साइबर कैफे संचालक प्रवीण ने बताया कि उनका इंश्योरेंस का काम है।

    यह नंबर उनके पास लंबे समय से है। वो न तो अभिषेक को जानता है और न ही उनकी कंपनी पीजीटी रिसोर्सेज को लेकर ही उसके पास कोई जानकारी है।

    लेम्बोर्गिनी मामले में भी उठे थे सवाल

    31 मार्च को उत्तर प्रदेश के नोएडा के थाना सेक्टर-126 क्षेत्र के अंतर्गत चरखा गोल चक्कर सेक्टर-94 के पास तेज रफ्तार लेम्बोर्गिनी कार ड्राइवर ने फुटपाथ पर बैठे दो मजूदरों को कुचल दिया। मौके से गिरफ्तार आरोपित दीपक को अगले ही दिन जमानत मिल गई।

    हालांकि उस केस में भी इतनी आसानी से बेल मिलने पर सवाल उठे थे, क्योंकि पुलिस ने एफआइआर में आरोपित का नाम मीडिया ट्रायल के बाद जोड़ा था। इसे मजदूरों के मौलिक अधिकारों का हनन भी बताया गया। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव की भी वकालत की और इस तरह के अपराधों को गंभीर श्रेणी में रखने की मांग उठी थी।

    BMW मामले में 14 दिन बाद मिली थी जमानत

    धौलाकुआं क्षेत्र में 14 सितंबर को हुए सड़क हादसे में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। नवजोत सिंह पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा से दर्शन करके घर लौट रहे थे। रास्ते में धौलाकुआं के पिलर नंबर 57 से राजा गार्डन की ओर जाते समय एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी।

    घटना के समय बीएमडब्ल्यू को गगनप्रीत मक्कड़ चला रही थीं। पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें 27 सितंबर को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदारों पर सशर्त जमानत दी थी।