निचली अदालत को जांच की अवधि बढ़ाने का अधिकार नहीं : हाई कोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के बेटे स
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के बेटे सईद शाहिद की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत की जमकर खिंचाई की। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर व न्यायमूर्ति आइएस मेहता की पीठ ने कहा कि विशेष न्यायाधीश को एक मुकदमे में जांच की अवधि को बढ़ाने का अधिकार नहीं है। निचली अदालत के पास सिर्फ आरोपित की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अधिकार है। मामले में अगली सुनवाई दो मई को होगी।
याची ने कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में कृषि विभाग में कार्यरत है। उसे सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया कि वह मामले में आरोपित का बेटा है। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने याचिका का विरोध किया। एनआइए के वकील ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दिए गए आवेदन में कुछ शब्द गलत हो गए थे। एनआइए ने कहा था कि 90 दिनों में जांच पूरी नहीं हो सकती, इसलिए आरोपित की हिरासत बढ़ाए जाने की जरूरत है। इस पर पीठ ने कहा कि उसे नहीं लगता कि कोई अदालत जांच की अवधि को निर्धारित कर सकती है। ज्ञात हो कि निचली अदालत ने शाहिद की जमानत याचिका खारिज कर जाच के लिए उसकी हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का आदेश दिया था। एनआइए ने अक्टूबर 2017 में सईद शाहिद को गिरफ्तार किया था। शाहिद को जम्मू-कश्मीर सरकार ने नौकरी से निलंबित कर दिया है। इस मामले में केवल दो ही आरोपित पुलिस की गिरफ्त में आ पाए हैं। सैयद सलाहुद्दीन और अन्य आरोपित पाकिस्तान में हैं।