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Mohammad Zubair Case: आल्ट न्यूज के को-फाउंडर की याचिका पर हाई कोर्ट का पुलिस को नोटिस, धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी

Alt News Co-Founder Mohammad Zubairआल्ट न्यूज का को-फाउंडर और फेक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस ने जबाव मांगा है। जुबैर ने पटियाला हाउस कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें दिल्ली पुलिस के लिए चार दिन की हिरासत दी गई।

By Geetarjun GautamEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 04:02 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 06:24 PM (IST)
Mohammad Zubair Case: आल्ट न्यूज के को-फाउंडर की याचिका पर हाई कोर्ट का पुलिस को नोटिस, धार्मिक भावना भड़काने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
आल्ट न्यूज के को-फाउंडर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई।

नई दिल्ली, न्यूज एजेंसी। पुलिस रिमांड की वैधता को चुनौती देने वाली आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने पुलिस को नोटिस जारी दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 27 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

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पीठ ने कहा कि कहा कि रिमांड आदेश दो जुलाई को समाप्त हो जाएगा, ऐसे में अदालत दूसरे पक्ष को सुनेगी। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही वर्तमान कार्यवाही से प्रभावित हुए बिना जारी रहेगी।

पीठ ने इसके साथ ही पुलिस को निर्देश दिया कि वह जुबैर को रिमांड आवंदन की प्रति जुबैर को उपलब्ध कराए। जुबैर की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने जुबैर के लैपटाप व मोबाइल को सीज करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिस फोन से ट्वीट किया गया था वह खो गया है, ऐसे में नए फोन और लैपटाप को जब्त करने का क्या मतलब है।

इस पर पीठ ने कहा कि कल यानी दो जुलाई को हिरासत समाप्त हो रही है, ऐसे में इसे निचली अदालत तय कर देगी। वृंदा ने इस पर अनुरोध किया कि कृपया नोटिस जारी करें और सभी तलाशी और जब्ती इस याचिका के परिणाम के अधीन होगी।

इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने पूछा कि लैपटाप की जब्ती को लेकर चिंता क्यों है। जहां तक लैपटाप का संबंध है, मुझे समझ में नहीं आता कि चिंता क्या है।

ग्रोवर ने जवाब दिया कि यह निजता का मेरा अधिकार है। एसजी ने कहा कि पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से काम नहीं कर रही है। एफआइआर केवल कार्यवाही शुरू करना है। जांच अधिकारी जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या कोई गंभीर अपराध है।

उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा मामला सिर्फ एक ट्वीट का नहीं है। इस पर पीठ ने पूछा कि क्या आप और रिमांड मांगेंगे। इसके जवाब में एसजी मेहता ने कहा कि हमें नहीं पता कि आज रात तक जांच की स्थिति क्या होगी। इस संबंध में कोई बयान देना मेरे लिए अभिमानी होगा।

इस पर पीठ ने कहा कि मामले में नोटिस जारी किया जा सकता है और पुलिस इस पर पुलिस जवाब दाखिल करे। पुलिस ने कहा कि यह मामला एक ट्विटर यूजर की शिकायत पर दर्ज किया गया था। जिसने जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था।

यह है मामलावर्ष 2018 में हिंदू देवता के खिलाफ किए गए पोस्ट पर आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने 27 जून को जुबैर को गिरफ्तार कर अदालत से एक दिन की रिमांड ली थी। 28 जून को अदालत में पेश किए जाने पर पटियाला हाउस कोर्ट ने जुबैर की रिमांड चार दिन बढ़ा दी थी। पुलिस रिमांड खत्म होने पर दो जुलाई को उसके समक्ष पेश किया जाएगा। जुबैर ने इस आदेश की वैधता को चुनौती दी है।


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