'जजों से बदसलूकी बर्दाश्त नहीं...', दिल्ली हाई कोर्ट ने वकीलों को दी चेतावनी
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक वकील द्वारा ट्रायल कोर्ट के जज के साथ ऊंची आवाज में बहस करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि किसी भी जज के साथ बुरा बर्ताव नही ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ट्रायल कोर्ट के जज के सामने ऊंची आवाज में दलीलें पेश करने के एक अधिवक्ता के बर्ताव की आलोचना करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट या हाई कोर्ट के जज के साथ बुरा बर्ताव नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया की पीठ ने साथ ही मेरिट पर केस न आने पर न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिश करने वाले कुछ वकीलों की ऐसी आदतों पर कड़ी टिप्पणी की।
पीठ ने कहा कि हाल के दिनों में यह देखा जा रहा है कि जब मेरिट पर कोई केस नहीं होता है तो कुछ अधिवक्ता विशेष तौर पर जिला कोर्ट के जज को किसी तरह से डराने की कोशिश करते हैं। पीठ ने उक्त टिप्पणी ट्रायल कोर्ट के आदेश में वकील के बर्ताव का ब्यौरा नोट करते हुए की।
2016 से लंबित एक सिविल केस को आगे बढ़ाने के अधिवक्ता के अनुरोध को अदालत द्वारा ठुकराने पर अधिवक्ता ने ऊंची आवाज में बात की थी। मिली जानकारी के अनुसार उक्त अधिवक्ता ने ट्रायल कोर्ट के जज से ऊंची आवाज में कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। हालांकि, जिरह का आखिरी मौका मिलने पर भी उसने ट्रायल जज से कहा कि वह बहस नहीं करेगा।
यह भी गलत बयान दिया था कि उसके मुवक्किल ने मामले में कोई समझौता किया है। हाई कोर्ट ने उक्त घटनाओं को गलत मानते हुए कहा कि यह निंदनीय है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा शांत रहने के लिए कहने के बावजूद वकील ट्रायल जज से ऊंची आवाज में बात करता रहा। पीठ ने अधिवक्ता को चेतावनी दी कि ट्रायल कोर्ट के जजों के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया जा सकता।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।