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    पिता की गुहार पर दिल्ली हाई कोर्ट का MEA को निर्देश, दुबई में बंधक बनी भारतीय महिला की सुरक्षा करें सुनिश्चित

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को दुबई में बंधक बनाई गई एक भारतीय महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। महिला के पिता ने अदालत में याचिका दायर कर अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को नौकरी का झांसा देकर दुबई ले जाया गया और बंधक बना लिया गया है। कोर्ट ने मंत्रालय को आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए हैं।

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    दिल्ली हाई कोर्ट। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय (एमईए) और दुबई में भारत के कान्सुलेट जनरल को निर्देश दिया है कि 25 साल की एक भारतीय महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाएं।

    अपनी बेटी को वापस लाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग वाली एक पिता की याचिका पर न्यायमूर्ति सचिन दत्ता पीठ ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले में दो सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

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    विदेशी नागरिक पर बंधक बनाने का आरोप

    महिला के पिता वी. थिरुनावुक्कारासु ने याचिका में आरोप लगाया कि दुबई में एक विदेशी नागरिक ने उनकी बेटी को बंधक बनाकर रखा है और उसके साथ शारीरिक शोषण किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि चेन्नई के एक अस्पताल में मिले विदेशी नागरिक ने उनकी बेटी को मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर एक साल की नौकरी का आफर दिया था और इस पर उनकी बेटी जनवरी 2023 में दुबई गई थी।

    लेकिन, वहां पहुंचने के बाद उनकी बेटी का पासपोर्ट व वीजा जब्त कर लिया गया था और समय के साथ परिवार के साथ उसकी बातचीत बहुत कम हो गई थी। पिता ने कोर्ट को बताया कि अक्टूबर में उनकी बेटी से फोन पर बात हुई, जिसमें उन्हें उसके शारीरिक शोषण की बात पता चली।

    इस संबंध में 15 नवंबर को अधिकारियों को एक प्रतिवेदन देकर अपनी बेटी को बचाने और उसे भारत वापस लाने का इंतजाम करने की मांग की थी। हालांकि, इसका कोई जवाब नहीं मिला।

    भारत लौटने में मदद करने के निर्देश

    उक्त तथ्यों को देखते हुए अदालत ने भारत सरकार और दुबई में भारत के कान्सुलेट जनरल को याचिकाकर्ता की बेटी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही याचिका में लगाए गए आरोपों को सत्यापित करने का भी निर्देश दिया। साथ ही यह भी निर्देश दियाक कि अगर महिला वापस लौटना चाहे तो भारत लौटने में उसकी मदद की जाए।