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सरकारी व अल्पसंख्यक स्कूलों के छात्र सीखेंगे परस्पर तौर-तरीके

म के नाम पर सियासत आम है। इसके चलते कई जगहों पर तनाव की स्थिति बन जाती है। पर दिल्ली की पाठशालाएं साम्प्रदायिक सछ्वाव की अनूठी मिसाल पेश करने जा रही है। दरअसल समग्र शिक्षा विभाग ट्विनिग (जुड़वां) स्कूल कार्यक्रम आयोजित कराने की योजना है। जिसके तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को अल्पसंख्यक स्कूलों के छात्रों के साथ सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा। यानी इस कार्यक्रम में दिल्ली के सरकारी व अल्पसंख्यक स्कूलों के छात्र एक दूसरे के साथ स्कूल में समय बिताना होगा और एक दूसरे के प्रति एकता शांति और सछ्वाव बढ़ाने के लिए संपर्क बढ़ाने का प्रयास करना होगा। कार्यक्रम दो दिनों के लिए आयोजित होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 10:42 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 10:42 PM (IST)
सरकारी व अल्पसंख्यक स्कूलों 
के छात्र सीखेंगे परस्पर तौर-तरीके
सरकारी व अल्पसंख्यक स्कूलों के छात्र सीखेंगे परस्पर तौर-तरीके

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली

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दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से ट्विनिग (जुड़वां) स्कूल कार्यक्रम आयोजित कराने की योजना बनाई गई है जिसके तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को अल्पसंख्यक स्कूलों के छात्रों के साथ सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा।

इसमें छात्र एक-दूसरे के स्कूल में साथ समय बिताएंगे। इस तरह से वे एक-दूसरे को समझने के साथ धार्मिक विविधताओं को समझते हुए मिल-मिलाप बढ़ाएंगे। यह मेल-मिलाप दो दिनों का होगा। एक दिन सरकारी स्कूल के छात्र अल्पसंख्यक स्कूल के छात्रों की मेजबानी करेंगे तो अगले दिन अल्पसंख्यक स्कूल के छात्रों की होगी।

इस आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए दिल्ली सरकार के 136 सरकारी व 136 अल्पसंख्यक स्कूलों का चयन किया गया है। प्रत्येक स्कूल से 30 छात्र इसमें भाग लेंगे। कुल 8,160 छात्र इसके भागीदार बनेंगे।

कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले अल्पसंख्यक और सरकारी स्कूल के 30-30 छात्रों का समूह बनाया जाएगा। कुल 30 समूह तैयार होंगे और इन 30 समूहों को फिर से दो भागों में बांटा जाएगा। यह कार्यक्रम स्कूल के समय के दौरान ही आयोजित किया जाएगा जिसमें अतिथि स्कूल के छात्र प्रार्थना सभा के दौरान ही मेजबान स्कूल पहुंच जाएंगे और स्कूल का समय खत्म होने तक वहीं रुकेंगे। स्कूल पहुंचकर वह मेजबान स्कूलों की कक्षाओं में बैठेंगे।

कक्षा में प्रत्येक सीट पर मेजबान स्कूल का एक छात्र व अल्पसंख्यक स्कूल का एक छात्र साथ बैठेगा। अंत की दो कक्षाओं में मेजबान स्कूल के छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे जिससे अल्पसंख्यक स्कूलों के छात्रों को मेजबान स्कूल के छात्रों की कार्य संस्कृति और शैक्षिक पद्धति का अनुभव मिलेगा और एक-दूसरे की विभिन्न वास्तविकताओं से परिचित होने का भी मौका मिलेगा। हालांकि, इसके आयोजन को लेकर विभाग ने अभी कोई तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन जब स्कूल फिर से खुलने लग जाएंगे तब ये कार्यक्रम आयोजित कराया जाएगा।


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