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दिल्ली सरकार अब सीएनजी पंपों को देगी ऑटो फिटनेस का अधिकार

लाख प्रयास के बावजूद परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर नहीं होने पर दिल्ली सरकार ने ऑटो परमिट फिटनेस का अधिकार सीएनजी पंपों को देने का फैसला लिया है। सरकार इस मामले में कानूनी जानकारों से राय ले रही है। माना जा रहा है कि यदि कोई अड़चन नहीं आई तो

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2016 08:57 AM (IST)Updated: Sun, 20 Mar 2016 09:07 AM (IST)
दिल्ली सरकार अब सीएनजी पंपों को देगी ऑटो फिटनेस का अधिकार

नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। लाख प्रयास के बावजूद परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर नहीं होने पर दिल्ली सरकार ने ऑटो परमिट फिटनेस का अधिकार सीएनजी पंपों को देने का फैसला लिया है। सरकार इस मामले में कानूनी जानकारों से राय ले रही है।

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माना जा रहा है कि यदि कोई अड़चन नहीं आई तो इसे शीघ्र ही लागू कर दिया जाएगा। दिल्ली सरकार को सूचनाएं मिली हैं कि ऑटो फिटनेस व बैच आदि के मामलों में अभी भी घपला हो रहा है।

कुछ दिन पहले ही ऑटो फिटनेस देने वाले निरीक्षक के पत्रों की जांच की गई तो पता चला कि उसने एक दिन में 500 ऑटो को फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किया है। जांच में पता चला कि ऑटो की फिटनेस जांच हुई ही नहीं थी, बल्कि इसके नाम पर केवल खानापूर्ति की गई थी।

इसी तरह ऑटो के लिए बैच देने में भी खूब धांधली होने की सूचनाएं मिल रही हैं। दिल्ली सरकार इस व्यवस्था को ऑनलाइन करने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही इस दिशा में काम शुरू होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध खूफिया टीम ने इन मामलों की जानकारी उपलब्ध कराई थी।

इस टीम से ही दिल्ली सरकार को जानकारी मिली है कि अब भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा पाना आसान नहीं है। दलालों का अब भी बोलबाला है। टीम द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के आधार पर दिल्ली सरकार ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया निजी संस्थाओं के माध्यम से पूरी कराने पर विचार कर रही है, ताकि सही लोगों को बगैर रिश्वत के लाइसेंस मिल सके।

यहां बताते चलें कि कुछ समय पहले दिल्ली सरकार ने व्यवस्था शुरू की थी कि नया वाहन खरीदने के लिए मिलने वाला रजिस्ट्रेशन नंबर परिवहन विभाग की अथॉरिटी से मिलेगा। यह व्यवस्था शुरू किए जाने से परिहवन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में लाइनें लग रही थीं।

काम जल्दी कराने के लिए पैसे की लेनदेन शुरू हो गई थी। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अब फिर पहले की तरह डीलरों के पास ही पंजीकरण नंबर उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।

वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय को इस टीम के माध्यम से विभिन्न अथॉरिटी के एमएलओ व अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि इन पर भी शीघ्र ही गाज गिरने वाली है।


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