बिजली कटौती पर सख्त दिल्ली सरकार, रद हो सकता है करार
दिल्ली में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती पर केजरीवाल सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। दिल्ली सरकार बीएसईएस राजधानी व बीएसईएस यमुना से करार खत्म कर सकती है।
नई दिल्ली। दिल्ली में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती पर केजरीवाल सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। चेतावनी के बाद भी बिजली समस्या जस की तस बनी हुई है, जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार बीएसईएस राजधानी व बीएसईएस यमुना से करार खत्म कर सकती है।
बता दें कि दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री सतेंद्र जैन ने दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी बीएसईएस के मालिक अनिल धीरूभाई अंबानी को खत लिखकर बुलाया था। खत में कहा गया था कि दिल्ली में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए आपके पास क्या रोडमैप है, यह भी बताएं।
हर घर में लगेगा बिजली का स्मार्ट मीटर, लगेगी बिजली चोरी पर लगाम
अनिल अंबानी को लिखे गए खत में कहा गया कि साल 2002 में आपको दिल्ली में बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई। उस वक्त अपने कहा था कि समय के साथ बिजली टैरिफ में कमी की जाएगी और दिल्ली में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था और तकनीक विश्व स्तर की होगी। आप हमें यह भी बताएं कि अपने किस देश की राजधानी के स्तर की व्यवस्था दिल्ली में की है।
खत में लिखा गया था कि हालत यह है कि पूरी दिल्ली में छोटे-छोटे स्तर पर खामियां नजर आ रही हैं, जिसकी वजह से अघोषित बिजली कटौती हो रही है। आपके आला अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ कई बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। यहां तक कि भ्रष्टाचार के कई मामले ही सामने आए हैं और सीएजी ने भी आपकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
दिल्ली में बिजली संकट: मंत्री सत्येंद्र जैन ने अनिल अंबानी को लिखा खत
जैन ने अपने खत में पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि पूर्व की दिल्ली सरकार के साथ आपके अच्छे संबंध थे और लोकहित की आड़ में अपने काफी कुछ गलत किया। लेकिन नई सरकार लोगों के हित के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।