एलएनजेपी अस्पताल में बनेगी 22 मंजिला इमारत
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में हुई व्यय एवं वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में तीन बड़े फैसले लिए गए। फैसले के तहत नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में व्यय एवं वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में अहम फैसले लिए गए। इसके तहत नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) व लोक नायक अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा।
ईएफसी ने बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को हरी झंडी दी। इसके तहत लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में 533.91 करोड़ रुपये की लागत से बेसमेंट सहित 22 मंजिला इमारत बनेगी। दिल्ली में किसी सरकारी अस्पताल की यह सबसे ऊंची इमारत होगी। नए भवन में मेडिसिन विभाग व मातृत्व और उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र के लिए नए ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में एलएनजेपी अस्पताल में कुल 2050 बेड हैं। नए भवन के निर्माण के बाद 1570 बेड और बढ़ जाएंगे। भवन के निर्माण के लिए दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन (डीयूएसी), अग्निशमन विभाग, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से मंजूरी मिल गई है, पर्यावरण मंजूरी के लिए प्रक्रिया जारी है। बैठक में लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येन्द्र जैन भी मौजूद थे।
---------------------- एनएसयूटी को मिलेगा नया भवन
ईएफसी ने प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत करीब 202.12 करोड़ रुपये की लागत से द्वारका सेक्टर-3 में नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) में नया भवन बनाया जाएगा। एनएसयूटी के पास 145 एकड़ का एक भूखंड है और छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भवन की जरूरत है। संस्थान 2650 छात्रों के लिए तैयार किया गया था, लेकिन छात्रों की संख्या करीब 3500 है। शैक्षणिक सत्र 2019 में छात्रों की संख्या पांच हजार तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में परियोजना के चौथे चरण के तहत बेसमेंट के साथ छह भवन बनाए जाएंगे। इन भवनों के लिए डीयूएसी की मंजूरी मिल गई है जबकि फायर, डीडीए, पर्यावरण व वन विभाग की मंजूरी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एनएसयूटी में स्मार्ट कक्षाएं
ईएफसी ने प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एनएसयूटी परिसर में 26.79 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से द्वारका सेक्टर-3 में स्मार्ट क्लास रूम बनाने का फैसला लिया है। नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को विश्वविद्यालय बना दिया गया है। ऐसे में यहां छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसको देखते हुए छात्रों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। स्मार्ट क्लास रूम का डिजाइन तैयार करने के लिए सलाहकार नियुक्त कर दिया गया है। फैसले के तहत 1500 छात्रों के लिए व्यवस्था होगी। दिल्ली सरकार के पहले स्पोर्ट्स हॉस्टल के निर्माण को मंजूरी
ईएफसी ने स्पोर्ट्स हॉस्टल के निर्माण को भी मंजूरी दी। पीतमपुरा में जेपी ब्लॉक में स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए स्पोर्ट्स हॉस्टल में अत्याधुनिक खेल प्रशिक्षण की सुविधा होगी। इसमें खिलाड़ियों के लिए आवासीय सुविधा भी होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 77.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह दिल्ली सरकार का पहला स्पोर्ट्स हॉस्टल है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। हॉस्टल का निर्माण दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीटीटीडीसी) की देखरेख में 24 माह में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
स्वीमिग पूल और जिमनास्टिक प्रशिक्षण की सुविधा : हॉस्टल का क्षेत्रफल 11,128 वर्ग मीटर होगा। ग्राउंड फ्लोर पर स्वीमिग पूल और पहली मंजिल पर जिमनास्टिक प्रशिक्षण की सुविधा होगी। प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। स्पोर्ट्स हॉस्टल में छात्र और छात्राओं के रहने के लिए अलग-अलग कमरे होंगे। इसकी क्षमता 412 लोगों की होगी।
स्कूली छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन में सुधार होगा : दिल्ली के स्कूली छात्र-छात्राओं ने वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में नेशनल स्कूल गेम्स में पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस वर्ष भी दिल्ली ने अब तक 478 स्वर्ण पदक, 294 रजत और 265 कांस्य (कुल 1037 पदक) जीतकर राष्ट्रीय स्कूल खेलों में पहला स्थान हासिल किया है। सरकार का उद्देश्य पीतमपुरा स्पोर्ट्स हॉस्टल जैसी पहल से प्रतिभाशाली स्कूली खिलाड़ियों के न केवल समेकित विकास बल्कि उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन में सुधार करना है।