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पूर्व भारतीय क्रिकेटरों का हुआ अपमान, विलेन बनी दिल्ली सरकार!

पूर्व भारतीय क्रिकेटरों के सम्मान के लिए होने वाला आयोजन उनके अपमान का गवाह बन गया और इसकी मुख्य किरदार रही दिल्ली राज्य सरकार।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2015 08:09 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2015 10:58 AM (IST)
पूर्व भारतीय क्रिकेटरों का हुआ अपमान, विलेन बनी दिल्ली सरकार!

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटरों के सम्मान के लिए होने वाला आयोजन उनके अपमान का गवाह बन गया और इसकी मुख्य किरदार रही दिल्ली राज्य सरकार। पूर्व न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में सम्मान समारोह को लेकर विवाद पर कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने क्रिकेटरों को मैदान के अंदर सम्मानित करने पर ‘जोर’ दिया था, जिसे बीसीसीआइ के निर्देशों के अनुसार वह स्वीकृति नहीं दे सकते थे।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच के लिए मुद्गल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने जवाब दिया कि डीडीसीए बीसीसीआइ के निर्देशों से बंधा हुआ है जिन्हें बदला नहीं जा सकता।

मैंने राज्य सरकार की तरफ से बातचीत कर रहे वकील राहुल मेहरा को कहा कि वैकल्पिक इंतजाम किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से व्हाट्स एप पर जवाब दिया, ‘नहीं सर।’

मुद्गल ने मीडियाकर्मियों को बातचीत के दौरान के सारे संदेश दिखाए जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से राहुल द्वारा भेजा वह संदेश भी शामिल है जिसमें लिखा है, ‘आप बॉस हैं।’

मुद्गल ने कहा, ‘एक बार बीसीसीआइ ने कह दिया कि खेल शुरू होने के बाद इसकी स्वीकृति नहीं दी जा सकती तो मुङो नियम मानने होंगे।’

दिल्ली सरकार ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) और भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के पर्यवेक्षक पूर्व न्यायधीश मुकुल मुद्गल को सूचित किया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली, बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद सहित राज्य के विश्व कप विजेता (1983 और 2011) आठ खिलाड़ियों का सम्मान करेंगे।

क्रिकेट के प्रशंसक मुद्गल और डीडीसीए इसके लिए तैयार थे। जब बीसीसीआइ ने इस आयोजन की लिखित में जानकारी मांगी तो दिल्ली सरकार की शिक्षा निदेशक पद्मिनी सिंगला ने शुक्रवार को मुद्गल को पत्र लिखा। फिर मुद्गल ने रात नौ बजे के करीब इस पत्र को बीसीसीआइ को भेजा।

इसके एक घंटे के बाद ही बीसीसीआइ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान प्लेइंग एरिया (सीमा रेखा के अंदर) में इस तरह का कार्यक्रम नहीं हो सकता। सीमा रेखा के बाहर इस कार्यक्रम को आयोजित करने में उसे कोई आपत्ति नहीं है।

राज्य सरकार स्टेडियम के किसी भी हिस्से का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र थी, लेकिन मैदान के अंदर समारोह की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद उसने इसके आयोजन से इन्कार कर दिया।

डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रवींद्र मनचंदा ने कहा, ‘बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर ने ईमेल भेजा कि वह टेस्ट मैच के दौरान मैदान के अंदर सम्मान समारोह की स्वीकृति नहीं देंगे।’ इसमें कहा गया कि मैदान के अंदर किसी चीज की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।

हालांकि क्रिकेट मैदान को छोड़कर अन्य किसी हिस्से में आयोजन पर बोर्ड को आपत्ति नहीं थी। इस आयोजन के लिए डीडीसीए ने हिल-बी एरिया के अलावा तीन स्पॉट चिन्हित करके राज्य सरकार के लोगों को दिखाए भी। मनचंदा ने कहा, ‘हम कार्यक्रम को पूरी तरह करने को तैयार थे।

इस मामले में डीडीसीए की कोई भूमिका नहीं है। हमने सिर्फ बीसीसीआइ का आदेश माना लेकिन सुबह आठ बजकर 35 मिनट पर दिल्ली सरकार ने सूचित किया कि कार्यक्रम रद कर दिया गया है।’ बेदी जब स्टेडियम पहुंचे तो उन्हें कार्यक्रम रद होने का पता चला।

मनचंदा ने कहा, ‘मैं बेदी साहब को अंदर ले गया लेकिन समारोह रद होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने जाने का फैसला किया।’ वहीं बेदी ने कहा, ‘मुझे नहीं, दिल्ली सरकार को उसके अधिकार से वंचित किया गया।


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