Delhi Guest Teachers Recruitment: दिल्ली सरकार के अतिथि शिक्षक भर्ती मामले की होगी जांच, LG वीके सक्सेना ने दिए आदेश
Delhi Guest Teachers Recruitment देश की राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं की जांच के आदेश उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने आदेश दिए है। फिलहाल विभागीय जांच होगी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Delhi Guest Teachers Recruitment : राजनिवास और दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) में आम आदमी पार्टी सरकार के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं और अज्ञात शिक्षकों के वेतन भुगतान में धन के गबन के आरोपों की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
30 दिनों के भीतर देनी होगी रिपोर्ट
उन्होंने मुख्य सचिव से कहा है कि वह शिक्षा निदेशक से इस संबंध में जानकारी लें। यह पता किया जाए कि दिल्ली सरकार ने कितने अतिथि शिक्षकों को रखा है, उनकी कितनी उपस्थिति है और उनके वेतन पर कितना खर्च किया गया है। यह रिपोर्ट 30 दिन के भीतर उपराज्यपाल को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
रुपये में गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई करने की जरूरत
राजनिवास सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार द्वारा रखे गए अतिथि शिक्षकों की संख्या एवं उनके लिए जारी किए जा रहे वेतन में गड़बड़ी की जानकारी मिली है। इसे लेकर उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार के रुपयों में हुई इस प्रकार की गड़बड़ी को लेकर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
अधिकारियों की मिलीभगत को लेकर भी पत्र में जिक्र
पत्र में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने लिखा है कि इस तरह की गड़बड़ी बिना प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य एवं अकाउंट अधिकारी की मिलीभगत के संभव नहीं है। उन्होंने विभागीय जांच को मजबूत बनाने के लिए भी कहा है ताकि इस तरह की गड़बड़ी समय पर पकड़ी जा सके।
बिना नौकरी वाले अतिथि शिक्षकों का वेतन ले रहे थे
मालूम हो कि इससे पूर्व उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को चार उप-प्रधानाचार्य की जांच करने के निर्देश दिए थे जो मानसरोवर पार्क स्थित सरकारी स्कूल में बिना नौकरी वाले अतिथि शिक्षकों का वेतन ले रहे थे। इसमें समीक्षा आर्य को 1.35 लाख रुपये, उषा शास्त्री को 1.42 लाख रुपये, छोटे लाल को 1.43 लाख रुपये देने की जानकारी है, जबकि इनमें से किसी ने स्कूल में काम ही नहीं किया है।