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वादे के अनुसार दिल्ली सरकार को केंद्र से नहीं मिली मदद

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए दिल्ली सरकार को मदद का जो भरोसा

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 10:46 PM (IST)
वादे के अनुसार दिल्ली सरकार को केंद्र से नहीं मिली मदद
वादे के अनुसार दिल्ली सरकार को केंद्र से नहीं मिली मदद

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए दिल्ली सरकार को मदद का जो भरोसा दिलाया था, उसका इंतजार आज भी है। दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र अभी तक अपना वादा पूरा नहीं कर पाया है। दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्र से दिल्ली सरकार को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई) किट, टेस्टिग किट, ऑक्सीजन सिलेंडर तो मिले, लेकिन दिल्ली में स्थित केंद्र के अस्पतालों में 2 हजार बेड बढ़ाने का वादा पूरा नहीं किया गया। दिल्ली कोरोना एप के अनुसार अभी एम्स में 265, आरएमएल में 157, लेडी हाíडंग में 67 और सफदरजंग अस्पताल में 283 कोविड बेड हैं। इसके अलावा आइसीयू बेड बढ़ाने की भी अपील की गई थी, वह भी अभी तक नहीं मिले हैं।

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करीब 200 बेड की ही व्यवस्था की गई है। वहीं केंद्र की ओर से दिल्ली को 10 हजार टेस्टिग किट दी गई थी, जिसका प्रयोग दो दिन में ही कर लिया गया।

बार-बार तबादलों की वजह से कोरोना से जंग हो रही प्रभावित

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य, राजस्व समेत कई विभागों के अधिकारी इन दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के पास बैठक करने और रिपोर्ट तैयार करने में व्यस्त रहते हैं। इससे ग्राउंड वर्क प्रभावित हो रहा है। कई बार दिल्ली सरकार की होने वाली महत्वपूर्ण बैठकें तक प्रभावित होती हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बार-बार तबादलों की वजह से कोरोना से लड़ाई में असर पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण दिल्ली में चरम पर है, लेकिन इस समय कोरोना को लेकर कोई नोडल ऑफिसर तक नहीं है। पहले वरिष्ठ आइएएस सत्य गोपाल के पास यह चार्ज था, उसके बाद वर्तमान प्रधान स्वास्थ्य सचिव विक्रम देव दत्त नोडल ऑफिसर बने। उनके बाद यह चार्ज बीएस भल्ला को दिया गया, भल्ला अभी छुट्टी पर हैं। जब कोरोना के खिलाफ दिल्ली सरकार की जंग शुरू हुई, उस समय स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिघला कोरोना के खिलाफ पूरा प्रबंधन देख रही थीं। उसके बाद केंद्र सरकार ने राजेश प्रसाद को प्रधान स्वास्थ्य सचिव बनाया। मगर एक महीने में यह पद विक्रम देव दत्त को दे दिया।

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच रही तनातनी

होम आइसोलेशन को लेकर भी केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी रही है। उपराज्यपाल ने पहले पांच दिनों का सरकारी आइसोलेशन का नियम लागू किया, जिसे बाद में वापस लिया गया। उसके बाद कोरोना के प्रत्येक मरीज को जांच के लिए कोविड केयर सेंटर भेजने का आदेश हुआ। इस आदेश का दिल्ली सरकार ने विरोध किया, जिसके बाद होम आइसोलेशन की पुरानी व्यवस्था ही लागू हुई। इसके साथ ही घर-घर सर्वे को लेकर भी केंद्र के आदेश पर दिल्ली सरकार ने सवाल उठाए। केंद्र ने दिल्ली के 35 लाख घरों का दस दिनों में सर्वे करने का आदेश दिया था, लेकिन दिल्ली सरकार को जून के आखिर तक इस सर्वे को लेकर गाइडलाइंस नहीं मिलीं। बाद में केंद्र ने कंटेनमेंट (सील)जोन में सर्वे को प्राथमिकता देने का आदेश दिया।


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